Ramadan Iftar Time 09th May 2019: जानिए दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, कोलकाता, हैदराबाद और श्रीनगर में इफ्तार का सही समय
रमजान 2019 (Photo Credits: Getty Images)

Ramadan Iftar Time 9th May 2019: इस्लाम धर्म के पाक महीने रमजान (Ramzan) की रौनक हर तरफ दिखाई दे रही है. दुनिया भर के मुसलमान (Muslims) रोजा रखकर अल्लाह की इबादत और 5 वक्त की नमाज अदा कर रहे हैं. आज यानी 9 मई को रमजान के रोजे का तीसरा (Third Day of Ramzan Fast) दिन है और दिनभर भूखे-प्यासे रहने के बाद शाम को रोजेदार इफ्तार के साथ अपना रोजा खोलते हैं. इबादतों के इस पवित्र महीने में रोजेदार 30 दिनों तक सुबह सूर्योदय से शाम के सूर्यास्त तक रोजा रखकर अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते है और अल्लाह भी अपने बंदों के गुनाहों को माफ करके उनकी हर दुआ को कुबूल करते हैं. कहा जाता है रमजान के महीने में जो लोग रोजा रखते हैं उन्हें खाना खाने, स्मोक करने, शारीरिक संबंध बनाने जैसी चीजों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए.

दरअसल, इस्लाम में रमजान के महीने में रोजा रखना हर मुसलमान का फर्ज होता है. रोजा रखने वालों के लिए सुबह की सहरी और शाम का इफ्तार काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. रमजान के महीने में सुबह सूरज उगने से पहले सहरी की जाती है, फिर फज्र की अजान के साथ रोजा रखा जाता है. पूरे दिन करीब 15-16 घंटे तक बिना पानी और अनाज के रहकर शाम को सूर्यास्त के बाद मगरिब की अजान होती है और फिर इफ्तार करके रोजा खोला जाता है. चलिए जानते हैं देश के बड़े शहरों में रमजान के तीसरे दिन यानी 9 मई को इफ्तार का सही समय क्या है? यह भी पढ़ें: Ramadan Iftar Time 08 May: जानिए दिल्ली, लखनऊ, पटना और मुंबई में इफ्तार का समय

इफ्तार का सही समय- (9 मई 2019, गुरुवार)

1- मुंबई

शाम- 7 बजकर 5 मिनट.

2- दिल्ली

शाम- 7 बजकर 2 मिनट.

3- हैदराबाद

शाम 6 बजकर 40 मिनट.

4- कोलकाता

शाम 6 बजकर 8 मिनट.

5- लखनऊ

शाम 6 बजकर 44 मिनट.

6- बैंग्लुरु

शाम 6 बजकर 37 मिनट.

7- श्रीनगर

शाम 7 बजकर 21 मिनट.

यह भी पढ़ें: Ramzan 2019 Time Table PDF Download: यहां डाउनलोड करें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और लखनऊ समेत भारत के बड़े शहरों का सहरी-इफ्तारी का टाइमटेबल

कहा जाता है कि इस्लामिक कैलेंडर के नौवें महीने यानी रमजान में ही कुरान शरीफ नाजिल हुआ था, इसलिए इस पूरे महीने अल्लाह की इबादत करने, कुरान पढ़ने, 5 वक्त की नमाज अदा करने सदका और जकात देने का फल रोजेदारों को दोगुना मिलता है. माना जाता है कि इस महीने अल्लाह अपने बंदों के लिए जन्नत के दरवाजे खोल देते हैं और उनकी हर दुआ कुबूल करते हैं.