कहीं धरती की पूजा तो कहीं समुद्र में नारियल चढ़ाकर मनाया जाता है रक्षाबंधन त्योहार

भारत में संस्कृति के रंग भी भाषाओं और बोलियों कि तरह भिन्न हैं. हर राज्य की यहां अपनी अलग संस्कृति है, हर राज्य में सभी त्योहारों की मान्यताएं और उन्हें मनाने का तरीका भी अलग है. आज देश भर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है.

रक्षाबंधन (Photo Credits : Twitter)

नई दिल्ली: भारत में संस्कृति के रंग भी भाषाओं और बोलियों कि तरह भिन्न हैं. हर राज्य की यहां अपनी अलग संस्कृति है, हर राज्य में सभी त्योहारों की मान्यताएं और उन्हें मनाने का तरीका भी अलग है. आज देश भर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. यूं तो रक्षाबंधन भाई-बहन का त्योहार है, बहनें अपने भाइयों के हाथों में राखी बांधती है और भाई अपने बहनों को उपहार स्वरुप कुछ भेंट कर उनकी रक्षा का वचन लेते है. रक्षाबंधन पूरे देश में मनाया जाता है, पर देश के अलग अलग हिस्सों में इस पर्व के नाम और इसे मनाने का तरीका अलग है.

जम्मू-कश्मीर

देश के सबसे उत्तरी राज्य जम्मू-कश्मीर में इसे पतंग उड़ाने के त्योहार के रूप में मनाया जाता है. यह त्योहार यहां करीब एक महीने पहले से मनाया जाता है. सभी तरह के रंगों कि पतंगों का इस्तेमाल इस त्योहार में होता है, विशेष बात यह है कि यहां पतंग उतंग उड़ाने के लिए एक अलग तरह के मांजे(धागे) का प्रयोग किया जाता है.

उत्तराखंड

उत्तराखंड में इस त्योहार को रक्षाबंधन के नाम से ही जाना जाता है पर इसे मानने का तरीका थोड़ा अलग है. यहां यह त्योहार सिर्फ भाई-बहन का त्योहार नही है. इस दिन यहां के गढ़वाली और कुमाउनी पुरुष अपना जनेऊ बदलते हैं. विशेष बात यह है कि यहां राखी सिर्फ बहनों द्वारा नही बांधी जाती है. यहां पंडितों द्वारा महिलाओं और पुरुषों दोनों को रक्षासूत्र बांधा जता है. राज्य के कई हिस्सों में इस दिन मेले लगते हैं, राखी के त्योहार पर यहां चम्पावत छेत्र का मेला प्रसिद्ध है.

राजस्थान

राजस्थान में यह त्योहार अन्य हिंदी भाषी उत्तरी राज्यों की तरह ही मनाया जाता है पर यहां कि राखी कुछ अलग होती है. राजस्थान के कुछ हिस्सों में 'राम राखी लूम्बा' बांधी जाती है. यह राखी सामान्यतौर पर मिलने वाली राखियों से थोड़ी अलग होती है. इसमें डोरी लाल रंग की होती है और उस पर पीले रंग की पॉम-पॉम जैसी पीली बॉल लगी होती है, जो पीले धागे से बनी होती है.

महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल

महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल में ज्यादातर ब्राह्मण समुदाय इस त्योहार को समुद्र की पूजा कर मनाया जाता है. महाराष्ट्र में इसे नारली पूर्णिमा और तमिलनाडु में इसे अवनी अवित्तम के नाम से जाना जाता है. इन राज्यों में इस दिन समुद्र की पूजा की जाती है. पूजन के दौरान समुद्र को नारियल अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि इससे समुद्र देवता वहां के निवासियों तकलीफ नहीं देंगे.

उड़ीसा और पश्चिम बंगाल

उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में इस पर्व पर खासतौर पर भगवान राम और सीता मैया की पूजा की जाती है. यहां रक्षाबंधन को 'झूलन पूर्णिमा' कहते हैं.

मध्यप्रदेश 

मध्यप्रदेश में इस त्योहार को कजरी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. इस दिन किसान धरती माता की पूजा करते हैं. साथ ही अपनी माता के प्रति आभार व्यक्त करते हैं. यहां लोग घर के दरवाजों, कृषि उपकरणों और पशुओं को भी राखी बांधते हैं.

गुजरात

गुजरात में रक्षाबंधन के दिन पवित्रोपना त्योहार भी मनाया जाता है. गुजराती लोग इस दिन भगवान शिव की उपासना करते हैं. मंदिरों में जाकर लोग शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं और भगवान से अपने पिछले कर्मों की माफ़ मांगकर उनसे खुद को पवित्र करने की प्रार्थना करते हैं. सरहद की सुरक्षा में डटा भाई सालों से नहीं आया घर, बहन ने राखी के साथ भेजा प्यार भरा संदेश; कहा- मुझे मेरे फौजी भाई पर गर्व है

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में रक्षाबंधन से एक और त्यौहार जुड़ा है- भोजली पर्व. यहां लोग सावन महीने की नवमी को टोकरियों में मिट्टी डालकर गेंहू, जौ, मूंग, उड़द आदि के बीज बोते हैं. सावन की पूर्णिमा तक इनमें पौधे निकल आते हैं, जिसे भोजली कहते हैं. रक्षाबंधन के दिन बच्चे अपने माता-पिता, तो बहनें अपने बड़े भाईयों को भोजली देकर आशीर्वाद लेती हैं.

नेपाल

भारत के पड़ोसी देश नेपाल में भी रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. नेपाल में रक्षाबंधन मनाने का तरीका उत्तराखंड में इसे मनाने के तरीके के जैसा है. नेपाल में इसे जनेऊ पूर्णिमा कहा जाता है. इस दिन पुरुष जनेऊ बदलकर पूजा करते हैं और पंडितों से अपने हाथों पर रक्षा सूत्र बंधवाते हैं. रक्षाबंधन 2018: सालों बाद आ रहा है ऐसा अद्भुत सयोंग, जानिए कौन सा मुहूर्त है सबसे शुभ

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