Nirjala Ekadashi 2024 Messages: हैप्पी निर्जला एकादशी! प्रियजनों संग शेयर करें ये हिंदी Quotes, WhatsApp Wishes, GIF Greetings और Photo SMS
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत बिना जल के किया जाता है. इस दिन जल की एक बूंद भी नहीं पी जाती है, फिर विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. श्रीहरि के अनुयायियों के लिए यह एकादशी काफी विशेष मानी जाती है. ऐसे में इस खास अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और फोटो एसएमएस को प्रियजनों संग शेयर कर उन्हें हैप्पी निर्जला एकादशी कह सकते हैं.
Nirjala Ekadashi 2024 Messages in Hindi: साल भर में मनाई जाने वाली 24 एकादशी तिथियों में ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) मनाई जाती है, जिसे भीमसेनी एकादशी (Bhimseni Ekadashi), भीम एकादशी (Bhim Ekadashi) और पांडव एकादशी (Pandav ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है. भगवान विष्णु को समर्पित इस एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. इस साल अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, 18 जून 2024 को निर्जला एकादशी मनाई जा रही है. प्रचलित मान्यता के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत करने से दैहिक, दैविक और भौतिक तीनों तरह की समस्याओं से मुक्ति मिलती है. यह तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय है और कहा जाता है कि इस व्रत को करने से साल की सभी एकादशियों का पुण्य प्राप्त होता है और समस्त पापों से मुक्ति मिलती है.
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत बिना जल के किया जाता है. इस दिन जल की एक बूंद भी नहीं पी जाती है, फिर विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. श्रीहरि के अनुयायियों के लिए यह एकादशी काफी विशेष मानी जाती है. ऐसे में इस खास अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और फोटो एसएमएस को प्रियजनों संग शेयर कर उन्हें हैप्पी निर्जला एकादशी कह सकते हैं.
निर्जला एकादशी से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, पांडव पुत्र भीम भोजन के काफी शौकीन थे और वो अपनी भूख पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे थे. कहा जाता है कि जब भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों और द्रौपदी को एकादशी व्रत रखने के लिए कहा तो भीम अपनी भूख के कारण व्रत नहीं रख पा रहे थे. ऐसे में भीम महर्षि व्यास के पास अपनी समस्या लेकर पहुंचे, तब महर्षि व्यास जी ने कहा कि साल में एक बार अगर वो निर्जला एकादशी का व्रत कर लें तो उन्हें साल की सभी 24 एकादशी व्रतों का फल प्राप्त हो जाएगा. महर्षि व्यास जी से इस व्रत की महिमा जानने के बाद भीम ने इस व्रत को किया था, इसलिए इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है.