![Mahashivratri 2024 Sanskrit Wishes: महाशिवरात्रि: शुभा भूयात्। इन Quotes, WhatsApp Messages, Facebook Greetings के जरिए संस्कृत में दें शुभकामनाएं Mahashivratri 2024 Sanskrit Wishes: महाशिवरात्रि: शुभा भूयात्। इन Quotes, WhatsApp Messages, Facebook Greetings के जरिए संस्कृत में दें शुभकामनाएं](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2024/03/Mahashivratri-teaser-380x214.jpg)
Mahashivratri 2024 Wishes in Sanskrit: भगवान शिव (Bhagwan Shiv) के भक्तों के लिए महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का पर्व एक बड़ा उत्सव होता है, जिसका सबको बेसब्री से इंतजार रहता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि का पर्व हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसी पावन तिथि पर भगवान शिव (Bhagwan Shiv) और माता पार्वती (Mata Parvati) का विवाह संपन्न हुआ था, इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि इसी पावन तिथि पर देवों के देव महादेव के 12 ज्योतिर्लिंगों का धरती पर प्राकट्य हुआ था. इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च 2024 को मनाया जा रहा है. इस दिन देशभर के शिव मंदिरों में भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के मंदिरों में भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है. इस दिन भक्त विधि-विधान से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं और शिव जी की उपासना करते हैं. इसके साथ ही शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी किया जाता है. इस अवसर पर आप इन भक्तिमय कोट्स, विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए संस्कृत में अपनों को ‘महाशिवरात्रि: शुभा भूयात्।‘ कह सकते हैं.
1- अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्।
अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।।
भावार्थ: जो भगवान शिव शंकर संतजनों को मोक्ष प्रदान करने के लिए अवन्तिकापुरी उज्जैन में अवतार धारण किए हैं, अकाल मृत्यु से बचाने वाले देवों के देव, महाकाल नाम से विख्यात महादेव जी को मैं प्रणाम करता हूं.
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2- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात॥
भावार्थ: ॐ हम देवों में सबसे महानतम, पुरुषोत्तम, देवाधिदेव महादेव का ध्यान करता हूं.
भगवान शिव हमें बुद्धि का आशीर्वाद दे और और सच्चे ज्ञान से पोषित करें।
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3- नमस्ते भगवान रुद्र भास्करामित तेजसे।
नमो भवाय देवाय रसायाम्बुमयात्मने।।
भावार्थ: हे मेरे भगवान! हे मेरे रूद्र, अनंत सूर्यो से भी तेज आपका तेज है. रसरूप, जलमय विग्रहवाले हे भवदेव मेरा आपको प्रणाम है.
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4- नमामीशमीशान निर्वाणरूपं। विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपं।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं।
भावार्थ: हे मोक्षरूप, विभु, व्यापक ब्रह्म, वेदस्वरूप ईशानदिशा के ईश्वर और हम सबके स्वामी शिवजी, आपको मैं नमस्कार करता हूं. निज स्वरूप में स्थित, चेतन, इच्छा रहित, भेद रहित, आकाश रूप शिवजी मैं आपको हमेशा भजता हूं.
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5- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
भावार्थ: हम त्रि-नेत्रीय वास्तविकता का चिंतन करते हैं जो जीवन की मधुर परिपूर्णता को पोषित करता है और वृद्धि करता है. ककड़ी की तरह हम इसके तने से अलग हों, अमरत्व से नहीं बल्कि मृत्यु से हों.
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भगवान शिव को समर्पित इस बेहद खास दिन भक्त व्रत रखते हैं और शिवालय में जाकर जल, गंगाजल, गन्ने का रस, दूध, घी, शहद, दही, चीनी इत्यादि से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं. इसके बाद शिवलिंग पर बिल्वपत्र, भांग, शमीपत्र, धतूरा, फल, फूल, मिठाई इत्यादि अर्पित किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने के बाद आपको क्रोध या फिर किसी से अपशब्द कहने से बचना चाहिए.