Maha Navami 2023 Wishes: शुभो महानवमी! इन खूबसूरत WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images Wallpapers को भेजकर दें बधाई
महानवमी शारदीय नवरात्रि का आखिरी दिन होता है, जबकि यह पांच दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव का चौथा दिन होता है. नौ दिनों तक व्रत रखने वाले इसी दिन कन्या पूजन और हवन का आयोजन करते हैं, जिसके बाद उनका व्रत पूर्ण होता है. ऐसे में इस शुभ अवसर पर आप इन खूबसूरत विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को शुभो महानवमी की बधाई दे सकते हैं.
Maha Navami 2023 Wishes In Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से अश्विन शुक्ल नवमी तक शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) का नौ दिवसीय पर्व मनाया जाता है. इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर 2023 से हुई है, जबकि इसकी नवमी तिथि 23 अक्टूबर को है, जिसे महानवमी (Maha Navami) और शुभो नवमी (Shubho Navami) के तौर पर जाना जाता है. नवरात्रि का आखिरी दिन यानी महानवमी मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री (Maa Siddhidatri) को समर्पित है. नवरात्रि में महा अष्टमी (Maha Ashtami) और महानवमी (Maha Navami) तिथि का विशेष महत्व बताया जाता है. कई लोग अष्टमी तिथि को तो कई लोग नवमी तिथि को कन्या पूजन करके अपना व्रत पूर्ण करते हैं. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना करने से भक्तों को धन, ऐश्वर्य, पुत्र, पौत्र और उत्तम आरोग्य का वरदान मिलता है. इसके साथ ही मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.
महानवमी शारदीय नवरात्रि का आखिरी दिन होता है, जबकि यह पांच दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव का चौथा दिन होता है. नौ दिनों तक व्रत रखने वाले इसी दिन कन्या पूजन और हवन का आयोजन करते हैं, जिसके बाद उनका व्रत पूर्ण होता है. ऐसे में इस शुभ अवसर पर आप इन खूबसूरत विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को शुभो महानवमी की बधाई दे सकते हैं.
1- महानवमी 2023
2- महानवमी की शुभकामनाएं
3- शुभो महानवमी
4- हैप्पी महानवमी
5- महानवमी की हार्दिक बधाई
देवी दुर्गा की उपासना के इस पर्व को देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है और इससे जुड़ी दो कथाएं प्रचलित हैं. शारदीय नवरात्रि से जुड़ी पहली कथा के अनुसार भगवान श्रीराम (Bhagwan Ram) ने नौ दिनों तक व्रत रखकर शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की उपासना की थी, जिसके बाद उन्हें अश्विन शुक्ल दशमी को लंकापति रावण पर विजय प्राप्त हुई थी. वहीं इस उत्सव से जुड़ी दूसरी कथा के अनुसार, नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध करने के बाद देवी दुर्गा ने दसवें दिन उसका संहार किया था, इसलिए महानवमी के अगले दिन विजयादशमी (Vijayadashami) यानी दशहरे (Dussehra) का त्योहार मनाया जाता है.