Jawaharlal Nehru Jayanti 2021 Quotes: पंडित जवाहर लाल नेहरू की 132वीं जयंती, अपनों संग शेयर करें देश के पहले प्रधानमंत्री के ये 10 प्रेरणादायी विचार
स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू एक विद्वान और अच्छे लेखक भी थे. नेहरू जी जितनी बड़ी शख्सियत थे, उनके विचार भी उतने ही महान थे. यही वजह है कि आज भी देश के लोग उनके महान विचारों से प्रेरणा लेते हैं. ऐसे में उनकी जयंती के इस खास अवसर पर आप उनके इन 10 महान विचारों को अपनों के साथ शेयर करके उनकी जयंती सेलिब्रेट कर सकते हैं.
Jawaharlal Nehru Jayanti 2021 Quotes: आज यानी 14 नवंबर को स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की 132वीं जयंती (Jawaharlal Nehru Jayanti) मनाई जा रही है. भारत में चाचा नेहरू (Chacha Nehru) की जयंती को बाल दिवस (Bal Diwas) यानी चिल्ड्रेन्स डे (Children's Day) के तौर पर मनाया जाता है. दरअसल, बच्चों के प्रति उनके स्नेह और लगाव को देखते हुए ही उनके निधन के बाद साल 1964 से उनकी जयंती को बाल दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया गया था, तब से यह सिलसिला बरकरार है. नेहरू जी का जन्म 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था. उन्होंने अपने घर पर ही निजी शिक्षकों से अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की थी, फिर 15 साल की उम्र में वो इंग्लैंड चले गए, जहां उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. शिक्षा पूरी करने के बाद वो स्वदेश लौटे और राजनीति से जुड़ गए. नेहरू जी ने साल 1930 से 1940 तक अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू एक विद्वान और अच्छे लेखक भी थे. नेहरू जी जितनी बड़ी शख्सियत थे, उनके विचार भी उतने ही महान थे. यही वजह है कि आज भी देश के लोग उनके महान विचारों से प्रेरणा लेते हैं. ऐसे में उनकी जयंती के इस खास अवसर पर आप उनके इन 10 महान विचारों को अपनों के साथ शेयर करके उनकी जयंती सेलिब्रेट कर सकते हैं, साथ ही उनके इन विचारों से प्रेरणा भी ले सकते हैं.
1- संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है.
2- आप दीवार के चित्रों को बदल सकते हैं, लेकिन इतिहास के तथ्यों को नहीं.
3- संकट में हर छोटी सी बात का महत्व होता है.
4- विफलता तभी होती है जब हम अपने आदर्शों, उद्देश्यों और सिद्धांतों को भूल जाते हैं.
5- नागरिकता देश की सेवा में होती है.
6- दूसरों के अनुभवों से लाभ उठाने वाला बुद्धिमान होता है.
7- आपतियां हमें आत्म-ज्ञान कराती हैं, ये हमें दिखा देती हैं कि हम किस मिट्टी के बने हैं.
8- जीवन ताश के पत्तों के खेल की तरह है. आपके हाथ में जो है वह नियति है, जिस तरह से आप खेलते हैं वह स्वतंत्र इच्छा है.
9- लोगों की कला उनके मन का सही दर्पण है.
10- शांति के बिना अन्य सभी सपने गायब हो जाते हैं और राख में मिल जाते हैं.
कश्मीर के एक प्रवासी पंडित परिवार से ताल्लुक रखने वाले जवाहर लाल नेहरू के पिता का नाम मोतीलाल नेहरू और माता का नाम स्वरूप रानी था. नेहरू जी का विवाह कमला नेहरू से हुआ था. देश की आजादी की लड़ाई में शामिल होने के चलते नेहरू जी को कई बार जेल भी जाना पड़ा था. नेहरू जी की जयंती पर मनाए जाने वाले बाल दिवस को लेकर खास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो देश के बच्चों के लिए समर्पित होता है. दरअसल, नेहरू जी बच्चों से बेहद प्यार करते थे और उनके साथ समय बिताना काफी पसंद करते थे. उनके स्नेह और लगाव के कारण ही बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर संबोधित करते थे.
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6- दूसरों के अनुभवों से लाभ उठाने वाला बुद्धिमान होता है.
7- आपतियां हमें आत्म-ज्ञान कराती हैं, ये हमें दिखा देती हैं कि हम किस मिट्टी के बने हैं.
8- जीवन ताश के पत्तों के खेल की तरह है. आपके हाथ में जो है वह नियति है, जिस तरह से आप खेलते हैं वह स्वतंत्र इच्छा है.
9- लोगों की कला उनके मन का सही दर्पण है.
10- शांति के बिना अन्य सभी सपने गायब हो जाते हैं और राख में मिल जाते हैं.
कश्मीर के एक प्रवासी पंडित परिवार से ताल्लुक रखने वाले जवाहर लाल नेहरू के पिता का नाम मोतीलाल नेहरू और माता का नाम स्वरूप रानी था. नेहरू जी का विवाह कमला नेहरू से हुआ था. देश की आजादी की लड़ाई में शामिल होने के चलते नेहरू जी को कई बार जेल भी जाना पड़ा था. नेहरू जी की जयंती पर मनाए जाने वाले बाल दिवस को लेकर खास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो देश के बच्चों के लिए समर्पित होता है. दरअसल, नेहरू जी बच्चों से बेहद प्यार करते थे और उनके साथ समय बिताना काफी पसंद करते थे. उनके स्नेह और लगाव के कारण ही बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर संबोधित करते थे.