Janmashtami 2024 Sanskrit Messages: कृष्ण जन्माष्टमी: शुभा भूयात्! अपनों संग शेयर करें ये संस्कृत WhatsApp Wishes, Quotes और Facebook Greetings
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन देशभर के तमाम श्रीकृष्ण मंदिरों में विशेष पूजा-अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं, जिनमें पालकी सजाई जाती है और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की मनमोहक झाकियों की दर्शाया जाता है. इस दिन लोग शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी करते हैं. ऐसे में आप भी इन मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, कोट्स और फेसबुक ग्रीटिंग्स को अपनों संग शेयर कर संस्कृत में उनसे कृष्ण जन्माष्टमी: शुभा भूयात कह सकते हैं.
Krishna Janmashtami 2024 Sanskrit Wishes: आज (26 अगस्त 2024) देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का पर्व मनाया जा रहा है, जिसका सनातन धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन श्रीकृष्ण (Shri Krishna) के भक्त व्रत रखते हैं और विधि-विधान से कान्हा के बाल-गोपाल स्वरूप की पूजा-अर्चना करते हैं, फिर पूजन के बाद या अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण किया जाता है. इस दिन शाम के समय पूजा स्थल पर झांकी सजाई जाती है, लड्डू गोपाल की मूर्ति को झूले पर स्थापित किया जाता है. पूजन के दौरान माता देवकी, वासुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा और माता लक्ष्मी की भी विधिवत पूजा की जाती है. इसके बाद बाल गोपाल का श्रृंगार कर रात 12 बजे उनका जन्म कराया जाता है और फिर खीरा काटकर कान्हा को अर्पित करते हुए धनिए की पंजीरी और माखन-मिश्री का भोग अर्पित किया जाता है.
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन देशभर के तमाम श्रीकृष्ण मंदिरों में विशेष पूजा-अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं, जिनमें पालकी सजाई जाती है और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की मनमोहक झाकियों की दर्शाया जाता है. इस दिन लोग शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी करते हैं. ऐसे में आप भी इन मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, कोट्स और फेसबुक ग्रीटिंग्स को अपनों संग शेयर कर संस्कृत में उनसे कृष्ण जन्माष्टमी: शुभा भूयात कह सकते हैं.
सुपिच्छगुच्छमस्तकं सुनादवेणुहस्तकं अनङ्गरङ्गसागरं नमामि कृष्णनागरम्॥१॥
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिर्मम।।
गौरतलब है कि हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण त्योहारों में कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व बताया जाता है. प्रचलित पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में आठवां अवतार लिया था. उन्होंने द्वापर युग में इसी पावन तिथि पर मथुरा नगरी में कंस के कारागृह में माता देवकी की आठवीं संतान के रूप में जन्म लिया था, इसलिए इस तिथि पर हर साल कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है.