Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2023 HD Images: गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस पर ये WhatsApp Stickers और HD Wallpapers शेयर कर करें बाबाजी का नमन
Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2023 (Photo Credits: File Image)

Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2023 HD Images: भारत का इतिहास स्वतंत्रता संग्राम, स्वतंत्रता आंदोलनों और मौलिक अधिकारों के लिए अभियानों से रंगा हुआ है. ये आंदोलन भारत के इतिहास और वर्तमान का आंतरिक हिस्सा हैं, केवल इसलिए नहीं कि उन्होंने उस स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया जिसका देश आज आनंद ले रहा है. धर्मों के भीतर भी, न्याय, स्वतंत्रता और बहुत कुछ सुरक्षित करने के लिए कई धर्मयुद्ध हुए. ऐसी ही एक घटना के कारण सिख धर्म के लिए एक आवश्यक दिन गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस (Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas) का निर्माण हुआ. गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस श्री गुरु तेग बहादुर जी की याद में मनाया जाता है, जो सिख धर्म के नौवें गुरु थे. हर साल 24 नवंबर को उनकी शहादत को मनाया जाता है. यही वह तारीख थी जब 1675 में, गुरु तेग बहादुर को इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए सहमत नहीं होने पर मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर सार्वजनिक रूप से सिर कलम कर दिया गया था.

धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले गुरु तेग बहादुर अपने इस बलिदान के लिए इतिहास के पन्नों में सदा-सदा के लिए अमर हो गए. वो जितने महाने थे, उनके विचार भी उतने ही अनमोल थे, जिसका आज भी अनुसरण किया जाता है. गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस पर आप ये WhatsApp Stickers और HD Wallpapers शेयर कर अपनों संग श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं.

गुरु तेग बहादुर जी को कोटि-कोटि नमन

Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2023 (Photo Credits: File Image)

गुरु तेग बहादुर जी को कोटि-कोटि नमन

Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2023 (Photo Credits: File Image)

गुरु तेग बहादुर जी को कोटि-कोटि नमन

Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2023 (Photo Credits: File Image)

गुरु तेग बहादुर जी को कोटि-कोटि नमन

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गुरु तेग बहादुर जी को कोटि-कोटि नमन

Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2023 (Photo Credits: File Image)

गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस देश के कई हिस्सों में मनाया जाता है और इसे शहीदी दिवस के नाम से जाना जाता है. दिल्ली में गुरुद्वारा सीस गंज साहिब स्थित है, जहाँ मुगल शासन ने गुरु को फाँसी दे दी थी. नौवें गुरु और उनके सर्वोच्च बलिदान के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए हजारों भक्त इस गुरुद्वारे में आते हैं. वे इस घटना के दौरान अन्य सिख श्रद्धालुओं की मृत्यु का भी स्मरण करते हैं.