Gayatri Jayanti 2021 Messages: वेदमाता गायत्री जयंती पर इन हिंदी WhatsApp Status, Facebook Wishes, GIF Greetings, Quotes को शेयर करके दें शुभकामनाएं
गायत्री जयंती पर वेदमाता गायत्री की विधि-विधान से पूजा की जाती है और उनके मंत्र- ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। का जप करना बेहद कल्याणकारी माना जाता है. इस खास अवसर पर आप इन शानदार हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टेटस, फेसबुक विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और कोट्स को अपनों संग शेयर करके वेदमाता गायत्री जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Gayatri Jayanti 2021 Messages in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) का पर्व हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है. इस दिन निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) भी मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह पावन तिथि 21 जून 2021 (सोमवार) को पड़ रही है, इसलिए इस दिन गायत्री जयंती का त्योहार मनाया जा रहा है. मां गायत्री (Maa Gayatri) को वेदमाता के नाम से भी जाना जाता है. उनके पांच मुख और दस भुजाएं हैं. माता गायत्री के चार मुख चारों वेदों के प्रतीक माने जाते हैं और उनका पांचवां मुख सर्वशक्तिमान शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है. त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश की आराध्य कही जाने वाली मां गायत्री की दस भुजाएं भगवान विष्णु का प्रतीक हैं.
गायत्री जयंती पर वेदमाता गायत्री की विधि-विधान से पूजा की जाती है और उनके मंत्र- ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। का जप करना बेहद कल्याणकारी माना जाता है. इस खास अवसर पर आप इन शानदार हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टेटस, फेसबुक विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और कोट्स को अपनों संग शेयर करके वेदमाता गायत्री जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- आप सभी को वेदमाता,
गायत्री जयंती की बधाई,
जगत जननी मां हम सभी पर,
अपनी कृपा बनाए रखें.
शुभ गायत्री जयंती
2- ब्रह्मा, विष्णु और महेश,
त्रिदेवों की आराध्य देवमाता व वेदमाता,
गायत्री जयंती की सभी को हार्दिक बधाई.
शुभ गायत्री जयंती
3- हिंदू संस्कृति की जन्मदात्री,
सभी वेदों की माता ज्ञानदायिनी,
मां गायत्री जयंती की अनंत शुभकामनाएं.
शुभ गायत्री जयंती
4- ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्
शुभ गायत्री जयंती
5- जैसे गंगा शरीर के पापों को धो कर,
तन मन को निर्मल करती हैं,
उसी प्रकार गायत्री रूपी ब्रह्म गंगा से,
व्यक्ति की आत्मा पवित्र हो जाती है.
शुभ गायत्री जयंती
हिंदू धर्म में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, सृष्टि के आरंभ में ब्रह्मा जी के मुख से गायत्री मंत्र प्रकट हुआ था. मां गायत्री की कृपा से ही भगवान ब्रह्मा ने गायत्री मंत्र की व्याख्या अपने चारों मुखों से चार वेदों के तौर पर की थी. कहा जाता है कि आरंभ में गायत्री माता की महिमा केवल देवताओं तक ही सीमित थी, लेकिन महर्षि विश्वामित्र की कठोर तपस्या की बदौलत ही गायत्री मां और गायत्री मंत्र की महिमा जन-जन तक पहुंच सकी.