Eid-ul-Azha Mubarak Wishes in Hindi: ईद-उल-अजहा (Eid-ul-Azha) मुसलमानों के बीच सबसे ज्यादा मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है. यह त्योहार पैगंबर इब्राहिम को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है, जो अल्लाह के लिए अपने 13 वर्षीय बेटे इस्माइल की बलि देने के लिए तैयार थे. इस दिन लोग किसी जानवर की बलि देते हैं और उसका मांस रिश्तेदारों, दोस्तों और जरूरतमंदों में बांटते हैं. दुनिया भर के मुसलमान त्योहार मनाने के लिए मस्जिदों में नमाज अदा करने के लिए इकट्ठा होते हैं. हालांकि, कोविड -19 महामारी के कारण ईद अल-अधा का उत्सव काफी प्रभावित हुआ है. बकरीद के दिन को कुर्बानी के दिन के रूप में याद किया जाता है. इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार हर व्यक्ति अपने सबसे करीबी की कुर्बानी देता है और इसे ईद-उल-जुहा (Eid al- Adha) के नाम से भी जाना जाता है.
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक कुर्बानी का त्यौहार बकरीद रमजान के दो महीने बाद आता हैं. 21 जुलाई को मनाई जाएगी. इस्लाम धर्म में बकरीद के दिन आमतौर पर बकरे की कुर्बानी दी जाती है. बकरीद के दिन बकरे को अल्लाह के लिए कुर्बान कर दिया जाता हैं, इस धार्मिक प्रक्रिया को फर्ज-ए-कुर्बान कहा जाता हैं. इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर मस्जिद में नमाज पढ़ने जाते हैं और अपने प्रियजनों के साथ मिलकर इस त्यौहार को मनाते हैं. इस बकरीद अगर आप अपने प्रियजनों को ग्रीटिंग्स भेजना चाहते हैं तो नीचे दिए विशेज और मैसेजेस भेजकर दे सकते हैं.
1- चुपके से चांद की रौशनी छू जाए आपको,
धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको,
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से,
हमारी दुआ हैं इस ईद वो मिल जाए आपको.
ईद-उल-अजहा मुबारक!
2- जिंदगी का हर पल खुशियों से कम न हो,
आप का हर दिन ईद के दिन से कम न हो,
ऐसा ईद का दिन आपको हमेशा नसीब हो,
जिसमे कोई दुख और कोई गम न हो.
ईद-उल-अजहा मुबारक!
3- मुबारक मौका अल्लाह ने अता फरमाया,
एक बार फिर बंदगी की राह पे चलाया,
अदा करना अपना फर्ज तुम खुदा के लिए,
खुशी से भरी हो ईद-उल-अजहा आपके लिए.
ईद-उल-अजहा मुबारक!
4- समंदर को उसका किनारा मुबारक,
चांद को सितारा मुबारक,
फूलों को उसकी खुशबू मुबारक,
दिल को उसका दिलदार मुबारक,
आपको और आपके परिवार को ईद मुबारक.
ईद-उल-अजहा मुबारक!
5- ईद लेकर आती है ढ़ेर सारी खुशियां,
ईद मिटा देती है इंसान में दूरियां,
ईद है खुदा का एक नायाम तबारोक,
इसीलिए कहते हैं ईद मुबारक.
ईद-उल-अजहा मुबारक!
बकरीद पर्व मनाने के पीछे कुछ ऐतिहासिक किंवदंती भी है. इसके अनुसार हजरत इब्राहिम को अल्लाह का बंदा माना जाता हैं, जिनकी इबादत पैगम्बर के तौर पर की जाती है, जिन्हें इस्लाम मानने वाले हर अनुयायी अल्लाह का दर्जा प्राप्त है. एक बार खुदा ने हजरत मुहम्मद साहब का इम्तिहान लिया और उन्हें अपनी सबसे अजीज की कुर्बानी मांगी, वो अपने सबसे अजीज बेटे इस्माइल की कुर्बानी के लिए वे तैयार हो गए. लेकिन अल्लाह ने उनके बेटे की जगह बकरे को भेज दिया. तबसे बकरीद का त्यौहार मनाया जाता है.