Dev Deepawali 2024 HD Images: शुभ देव दीपावली! इन शानदार WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Photo Wishes और Wallpapers के जरिए दें बधाई
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा को स्वर्ग लोक से सभी देवी-देवता देव दीपावली मनाने के लिए शिव की नगरी काशी में आते हैं, इसलिए गंगा के सभी घाटों को दीयों की रोशनी से रोशन किया जाता है. ऐसे में इस पावन अवसर पर आप इन शानदार एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो विशेज और वॉलपेपर्स को भेजकर प्रियजनों से शुभ देव दीपावली कह सकते हैं.
Dev Deepawali 2024 HD Images: भगवान शिव (Bhagwan Shiv) की पावन नगरी काशी (Kashi) में हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को प्रदोष काल में देव दीपावली (Dev Deepawali) का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान काशी यानी बनारस की भव्यता और दिव्यता देखते ही बनती है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) यानी देव दीपावली का पर्व 15 नवंबर 2024 को मनाया जा रहा है. इस दिन महादेव की नगरी काशी के 84 घाटों को दीयों की रोशनी से रोशन किया जाता है और मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दीपावली के दिन त्रिपुरारी भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन गंगा स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके अलावा इस दिन पवित्र नदियों में स्नान-दान, भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी, भगवान शिव और चंद्र देव की पूजा का खास महत्व होता है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा को स्वर्ग लोक से सभी देवी-देवता देव दीपावली मनाने के लिए शिव की नगरी काशी में आते हैं, इसलिए गंगा के सभी घाटों को दीयों की रोशनी से रोशन किया जाता है. ऐसे में इस पावन अवसर पर आप इन शानदार एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो विशेज और वॉलपेपर्स को भेजकर प्रियजनों से शुभ देव दीपावली कह सकते हैं.
गौरतलब है कि पद्म, स्कंद और ब्रह्म पुराण में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. हिंदू धर्म की प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही श्रीहरि ने मत्स्यावतार लिया था. इसके साथ ही इसी पावन तिथि पर भगवान शिव ने त्रिपुरारी अवतार लेकर त्रिपुरासुर का संहार कर देवताओं को इन असुर भाईयों की तिकड़ी के आतंक से मुक्ति दिलाई थी, जिसकी खुशी में सभी देवी-देवताओं ने दीप प्रज्जवलित कर देव दीपावली मनाई थी. कहा जाता है कि तब से काशी में देव दीपावली मनाने की परंपरा चली आई है.