Chhath Puja 2022 HD Images: छठ पूजा के ये WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Photos, Wallpapers भेजकर दें अपनों को बधाई
कार्तिक शुक्ल षष्ठी को सूर्योपासना का मुख्य पर्व होता है. इस दौरान 36 घंटे तक निर्जल रहकर व्रती सूर्य देव और छठी मैया की उपासना करते हैं. इसके साथ ही शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में आप भी इस अवसर पर इन एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटोज, वॉलपेपर्स के भेजकर अपनों को बधाई दे सकते हैं.
Chhath Puja 2022 HD Images: आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja) का आज (30 अक्टूबर 2022) तीसरा और सबसे मुख्य दिन है, क्योंकि आज तमाम व्रती शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तैयार हैं. दरअसल, 28 अक्टूबर को नहाय-खाय (Nahay-Khay) और 29 अक्टूबर को खरना (Kharna) मनाए जाने के बाद आज छठ पूजा का मुख्य पर्व मनाया जा रहा है. छठ पूजा महापर्व का तीसरा और चौथा दिन बेहद खास होता है, क्योंकि तीसरे दिन किसी पवित्र नदी या तालाब में खड़े होकर शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जिसे संध्या अर्घ्य (Sandhya Arghya) कहा जाता है, जबकि चौथे और आखिरी दिन सुबह के समय उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जिसे ऊषा अर्घ्य (Usha Arghya) कहते हैं और उसके बाद व्रत का पारण किया जाता है.
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तक छठ पूजा का महापर्व मनाया जाता है, जबकि कार्तिक शुक्ल षष्ठी को सूर्योपासना का मुख्य पर्व होता है. इस दौरान 36 घंटे तक निर्जल रहकर व्रती सूर्य देव और छठी मैया की उपासना करते हैं. इसके साथ ही शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में आप भी इस अवसर पर इन एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटोज, वॉलपेपर्स के भेजकर अपनों को बधाई दे सकते हैं.
1- छठ पूजा की शुभकामनाएं
2- छठ पूजा की हार्दिक बधाई
3- हैप्पी छठ पूजा
4- छठ पूजा 2022
5- शुभ छठ पूजा
छठ पूजा से जुड़ी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कहा जाता है कि भगवान राम और माता सीता ने सूर्योपासना के इस व्रत को सबसे पहले किया था. दरअसल, भगवान राम सूर्यवंशी थे और सूर्य देव उनके कुल देवता था. ऐसे में कहा जाता है कि 14 वर्षों के वनवास से लौटने के बाद श्रीराम और माता सीता ने कार्तिक शुक्ल षष्ठी को व्रत रखकर सरयू नदी के तट पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया था. मान्यता है कि इस पूजा के बाद से अयोध्या की प्रजा ने भी छठ पूजा करना शुरु कर दिया था, इसलिए माना जाता है कि छठ पूजा की यह परंपरा उसी समय से शुरु हुई है.