Chaitra Navratri 2022 Messages: मां दुर्गा (Maa Durga) की भक्ति और उपासना के पावन पर्व चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की शुरुआत इस साल 2 अप्रैल से हो रही है और इस नौ दिवसीय उत्सव (Navratri) का समापन 11 अप्रैल को होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होती है और समापन चैत्र शुक्ल नवमी को होता है. इस दौरान भक्तों पर मां दुर्गा की भक्ति का रंग कुछ इस कदर चढ़ जाता है कि पूरे नौ दिनों तक मां भगवती के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. इस बार की नवरात्रि में कई बदलाव देखने को मिल रहे है. एक तो इस बार की चैत्र नवरात्रि में एक भी तिथि का क्षय नहीं हो रहा है और नौ दिनों में कई ऐसे योग भी बन रहे हैं, जिन्हें सर्व फलदायी माना जा रहा है.
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही पूरे नौ दिनों के लिए मां दुर्गा अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए उनके बीच आती हैं. भक्त भी माता रानी को प्रसन्न करने के लिए पूरे भक्ति भाव से उनकी उपासना करते हैं. ऐसे में आप मां दुर्गा के भक्तों को इन भक्तिमय हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक मैसेजेस और फोटो एसएमएस के जरिए हैप्पी चैत्र नवरात्रि कहकर बधाई दे सकते हैं.
1- या देवी सर्व भूतेषु मां रूपेण संस्थिता,
या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता,
या देवी सर्व भूतेषु बुद्धि रूपेण संस्थिता,
या देवी सर्व भूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै। नमस्तस्यै।
नमस्तस्यै। नमो नमः।।
हैप्पी चैत्र नवरात्रि
2- हे मां तुमसे विश्वास उठने न देना,
तेरी दुनिया में भय से जब सिमट जाऊं,
चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा घना पाऊं,
बन के रोशनी तुम राह दिखा देना..!
हैप्पी चैत्र नवरात्रि
3- मां की ज्योति से प्रेम मिलता है,
सबके दिलों को मरहम मिलता है,
मां के दरबार में जो भी जाता है,
उसे कुछ न कुछ जरूर मिलता है.
हैप्पी चैत्र नवरात्रि
4- मां भरती हैं झोली खाली,
मां अंबे वैष्णो वाली,
मां संकट हरने वाली,
मां विपदा मिटाने वाली,
मां के सभी भक्तो को...
हैप्पी चैत्र नवरात्रि
5- मां की आराधना का ये पर्व है,
मां के नौ रूपों की भक्ति का पर्व है,
बिगड़े काम बनाने का पर्व है,
भक्ति का दीया दिल में जलाने का पर्व है.
शारदीय नवरात्रि की बधाई
गौरतलब है कि इस बार चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं, जिसे शुभ नहीं माना जाता है. इसके साथ ही इस साल माता रानी भैंसे पर सवार होकर प्रस्थान करेंगी. दरअसल, घोड़े को युद्ध का प्रतीक माना जाता है, जब भैंसे की सवारी का अर्थ है रोग, दोष और कष्ट का बढ़ना. ऐसे में माता रानी के इन दोनों वाहनों को अच्छा नहीं माना गया है.