Diwali 2018: जानें कब है धनतेरस, छोटी दिवाली, लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाई दूज ?
अंधकार पर रोशनी की जीत के इस पर्व की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है. पांच दिनों के इस पर्व के दौरान धनतेरस, नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली), दीपावली (लक्ष्मी पूजन), गोवर्धन पूजा और भाई दूज जैसे पर्व मनाएं जाते हैं.
Diwali 2018: दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व है, जिसका जश्न पूरे पांच दिनों तक बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. अंधकार पर रोशनी की जीत के इस पर्व की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है. पांच दिनों के इस पर्व के दौरान धनतेरस, नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली), दीपावली (लक्ष्मी पूजन), गोवर्धन पूजा और भाई दूज जैसे पर्व मनाएं जाते हैं, जिसमें सबसे खास होता है दीपावली यानी लक्ष्मीपूजन का पर्व. इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है. घर के मुख्य द्वार को रंग-बिरंगी रंगोली से सजाया जाता है और दीयो की रोशनी से अमावस्या की काली रात भी जगमगा उठती है.
धनतेरस से भाई दूज तक कुल पांच दिनों के लिए मंदिरों और घरों को रंग बिरंगी खूबसूरत लाइटों से सजाया जाता है. इन दिनों बाजारों में भी खासा रौनक देखने को मिलती है. चलिए जानते हैं कि 5 दिनों की दिवाली में किस दिन कौन सा पर्व मनाया जाएगा और क्या है इनके पूजन का शुभ मुहूर्त...
1- धनतेरस: 5 नवंबर 2018
इस बार धनतेरस 5 नवंबर 2018 के दिन मनाया जाएगा. इस दिन नए बर्तन, सोने-चांदी के गहने, सिक्के आदि खरीदना शुभ माना जाता है. घरों और ऑफिसों की सफाई करने के साथ-साथ इन्हें तरह- तरह की लाइटों से रोशन किया जाता है. इस दिन यम दीपदान किया जाता है और भगनाव धनवंतरी की पूजा की जाती है. यह भी पढ़ें: Dhanteras 2018: धनतेरस पर क्यों की जाती है सोने की खरीददारी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन की आसान विधि
धनतेरस पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त- शाम 6.05 बजे से रात 8.01 बजे तक.
प्रदोष काल- शाम 5.29 बजे से रात 07.00 बजे तक.
वृषभ काल- शाम 6.05 बजे से रात 8.01 बजे तक.
2- नरक चतुर्दशी: 6 नवंबर 2018
नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली भी कहा जाता है और छोटी दिवाली का पर्व इस बार 6 नवंबर को मनाया जाएगा. इस दिन दोस्तों और रिश्तेदारों को मिठाई और उपहार दिए जाते हैं. सभी मिलकर एक-दूसरे का मुंह मीठा कराते हैं और साथ मिलकर इस पर्व का जश्न मनाते हैं. इस दिन सुबह तड़के उठकर स्नान करने की परंपरा है.
नरक चतुर्दशी/ छोटी दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त
स्नान और पूजन का शुभ मुहूर्त- सुबह 4.30 से 06.27 बजे तक.
पूजा करने की अवधि- 1 घंटा 57 मिनट.
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3- लक्ष्मी पूजन: 7 नवंबर 2018
दिवाली के तीसरे दिन लक्ष्मी पूजन का विधान है, इसलिए इसे बड़ी दीपावली और लक्ष्मी पूजन का पर्व भी कहते हैं. मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी अपने भक्तों पर धन और वैभव की वर्षा करने के लिए उनके घर आती हैं. इस दिन परिवार के सभी सदस्य एक साथ मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं. पूजा करने के बाद लोग पूजा की थाल में रखी ज्योत से आशीष लेकर एक दूसरे का मुंह मीठा करते हैं और धूम से दिवाली का जश्न मनाते हैं.
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त- शाम 05:57 से 07:53 बजे तक.
प्रदोष काल- शाम 05:27 बजे से 08:06 बजे तक.
वृषभ काल- शाम 05:57 बजे से 07:53 बजे से तक.
4- गोवर्धन पूजा: 8 नवंबर 2018
गोवर्धन पूजा दीपावली यानी लक्ष्मी पूजन के ठीक अगले दिन की जाती है. इस साल गोवर्धन पूजा 8 नवंबर के दिन की जाएगी. अन्नकूट या गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारम्भ हुई. इसमें हिन्दू धर्मावलंबी घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन नाथ जी की अल्पना बनाकर उनका पूजन करते है. उसके बाद गिरिराज भगवान (पर्वत) को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अन्नकूट का भोग लगाया जाता है. यह भी पढ़ें: Diwali 2018: 5 दिनों तक मनाया जाता है दिवाली का पर्व, जानें क्या है इसके हर एक दिन का महत्व?
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
सुबह का मुहूर्त- सुबह 06:37 से 08:48 बजे तक.
शाम का मुहूर्त- दोपहर 03:20 से शाम 05:31 बजे तक तक
5- भाई दूज: 9 नवंबर 2018
पांच दिनों तक चलने वाले त्योहारों में सबसे आखिर में भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. इस बार भाई दूज 9 नवंबर को मनाया जाएगा. भाई दूज का त्योहार बहन और भाई के प्यार का प्रतीक है. ये त्योहार रक्षाबंधन की तरह ही होता है, फर्क सिर्फ इतना है कि इस दिन राखी नहीं बांधी जाती, बल्कि बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी आरती उतारती हैं.
भाई दूज शुभ मुहूर्त
मुहूर्त प्रारंभ- दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से,
मुहूर्त समाप्त- दोपहर 3 बजकर 27 मिनट तक.
मुहूर्त अवधि- 2 घंटे 17 मिनट.