Dhanteras 2019: दिवाली से पहले इस दिन मनाया जाएगा धनतेरस का पर्व, जानें किसकी होगी पूजा और महत्व
धनतेरस धन और समृद्धि से जुड़ा एक प्रमुख हिंदू त्योहार है. धनतेरस पर धन की देवी मानी जाने वाली लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है. धनतेरस के दिन शाम को लक्ष्मी माता की पूजा करने के बाद घर में दीप जलने से घर में खुशहाली आती है.
हर साल दिवाली (Diwali 2019) से पहले कार्तिक कृ्ष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस (Dhanteras 2019) का पर्व मनाया जाता है. इस साल धनतेरस शुक्रवार यानि 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इसी दिन से महापर्व दिवाली की शुरुआत हो जाएगी. धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है.
धनतेरस धन और समृद्धि से जुड़ा एक प्रमुख हिंदू त्योहार है. धनतेरस पर धन की देवी मानी जाने वाली लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है. धनतेरस के दिन शाम को लक्ष्मी माता की पूजा करने के बाद घर में दीप जलने से घर में खुशहाली आती है.
यह माना जाता है कि धनतेरस के दिन आभूषण, रत्न और धातु आदि की चीजे खरीदने पर घर में धन और समृद्धि आती है. इस दिन लोग चांदी या पीतल के बर्तन भी खरीदते हैं और अपने घर की पूर्व दिशा में रखते हैं. यह भी कहा जाता है कि धनतेरस पर झाड़ू खरीदने से घर से गरीबी और दुख दूर होता है. इस दिन कार्तिक स्नान करके प्रदोष काल में घाट, गौशालाएं, कुआं, बावली, मंदिर आदि स्थानों पर तीन दिन तक दीपक जलाना चाहिए.
धनतेरस का दिन धन्वंतरि त्रयोदशी या धन्वंतरि जयंती भी कहलाता है. धन्वंतरि आयुर्वेद के देवता माने जाते हैं. धनतेरस के मौके पर लक्ष्मी और कुबेर की पूजा के साथ-साथ यमराज की भी पूजा की जाती है. शास्त्रों में कुबेर को धन का देवता कहा गया है. पूरे वर्ष में एक मात्र यही वह दिन है, जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है. यह पूजा दिन में नहीं की जाती, अपितु रात होते समय यमराज के निमित्त एक दीपक जलाया जाता है.