COVID-19: जापानी शोधकर्ताओं ने ढूंढ निकाली वो कारण जिसने कोविड-19 को बनाया ज्यादा खतरनाक

जापानी शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम कोरोनावायरस 2 ( SARS‑CoV‑2 ) में एक एंजाइम होता है जो वायरस के खिलाफ कोशिका के जन्मजात रक्षा तंत्र के खिलाफ काम कर सकता है.

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर : जापानी शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम कोरोनावायरस 2 ( SARS‑CoV‑2 ) में एक एंजाइम होता है जो वायरस के खिलाफ कोशिका के जन्मजात रक्षा तंत्र के खिलाफ काम कर सकता है. कोबे विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि इस शोध से पता चल सकता है कि इससे यह पता चल सकता है कि सार्स और मेर्स वायरस की तुलना में कोविड-19 अधिक संक्रामक क्यों है? टीम ने अपने अध्ययन को कोविड वायरस में "ISG15" नामक मोलेक्युलर टैग की भूमिका पर केंद्रित किया जो न्यूक्लियोकैप्सिड प्रोटीन को एक-दूसरे से जुड़ने नहीं देता है- यह वायरस को इकट्ठा करने की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया हैं.

विश्वविद्यालय के वायरोलॉजिस्ट शोजी इकुओ ने जर्नल ऑफ वायरोलॉजी में एक पेपर में समझाया, एंजाइम अपने न्यूक्लियोकैप्सिड से टैग हटा सकता है, जिससे नए एंजाइम को इकट्ठा करने की इसकी क्षमता पुनः प्राप्त हो जाती है. शोजी ने कहा, "परिणाम बताते हैं कि नोवल कोरोनावायरस रोग प्रतिरोधक क्षमता की इस पहलू से बच कर निकलने में माहिर होते हैं और इस वजह से ज्यादा संक्रामक होते हैं.'' जन्मजात प्रतिरक्षा प्रणाली (इनेट इम्यून सिस्टम) वायरस के प्रवेश, प्रतिकृति और संयोजन को सीमित करती है. यह संक्रमित कोशिकाओं का पता लगाकर उन्हें हटा भी देती है. यह भी पढ़ें : हाई बीपी और टाइप 2 डायबिटीज पर बेहतर तरीके से काम करता है मेथी दाना

सार्स और मेर्स वायरस के विपरीत कोविड तेजी से लगभग सभी महाद्वीपों में फैल गया था, जिसमें कम आबादी वाला अंटार्कटिका भी शामिल था. कोविड वायरस लगातार नए-नए रूपों के साथ उत्परिवर्तित और संक्रमित होता रहता है. हालांकि सामूहिक टीकाकरण के साथ इसका असर सीमित हो गया. नए निष्कर्ष कोविड-19 और संभवतः भविष्य की इसी तरह की बीमारियों के खिलाफ अधिक प्रभावी दवाओं के विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं.

शोधकर्ताओं ने कहा, "अगर हम ISG15 टैग को हटाने वाले वायरल एंजाइम के कार्य को बाधित कर सकते हैं तो हम नई एंटीवायरल दवाएं विकसित करने में सक्षम हो सकते हैं. भविष्य की चिकित्सीय रणनीतियों में एंटीवायरल एजेंट भी शामिल हो सकते हैं जो सीधे न्यूक्लियोकैप्सिड प्रोटीन या इन दोनों के संयोजन को टार्गेट कर सकती है."

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