Chitragupta Puja 2024: कौन हैं भगवान चित्रगुप्त महाराज? जानें इस दिन कलम दवात पूजा का आशय, मंत्र, मुहूर्त, पूजा विधि इत्यादि के बारे में!
प्रत्येक वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष को कायस्थ समाज बड़ी धूमधाम से भगवान चित्रगुप्त एवं कलम-दवात की पूजा करते हैं. इस दिन कायस्थ समाज के लोग गंगा-स्नान कर शुभ मुहूर्त में भगवान चित्रगुप्त एवं कलम दवात की पूजा करते हैं.
प्रत्येक वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष को कायस्थ समाज बड़ी धूमधाम से भगवान चित्रगुप्त एवं कलम-दवात की पूजा करते हैं. इस दिन कायस्थ समाज के लोग गंगा-स्नान कर शुभ मुहूर्त में भगवान चित्रगुप्त एवं कलम दवात की पूजा करते हैं. हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान ब्रह्मा के पुत्र चित्रगुप्त महाराज प्राणियों के मृत्योपरांत उसके कर्मों के अनुसार स्वर्ग अथवा भेजते हैं. चित्रगुप्त पूजा एवं भाई दूज एक ही दिन सेलिब्रेट किया जाता है. इस वर्ष 3 नवंबर 2024, रविवार के दिन ये दोनों पर्व मनाये जाएंगे. आइये जानते हैं, चित्रगुप्त भगवान का प्रकाट्य कब, कैसे और किस प्रयोजन से हुआ था. तथा इनकी पूजा-विधि, मुहूर्त एवं मंत्र इत्यादि के बारे में.
कौन हैं भगवान चित्रगुप्त
पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राणियों के मृत्योपरांत उनके स्वर्ग-नर्क भेजने के उचित निर्णय लेने और उनका लेखा-जोखा रखने में भगवान यमराज को असुविधा होते देख सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी की काया से चित्रगुप्त भगवान उत्पन्न हुए. ब्रह्मा जी काया से उत्पन्न होने के कारण चित्रगुप्त महाराज को कायस्थ कुल का प्रधान बनाया, और उन्हें मृत्यु को प्राप्त प्राणियों को उनके कर्मों के अनुसार स्वर्ग या नर्क भेजने की जिम्मेदारी सौंपी. भगवान चित्रगुप्त का न्याय वेद सम्मत हो, इसके लिए उन्हें ब्राह्मणों के समान वेद लिखने का अधिकार और छत्रियों के समान निष्पक्ष निर्णय लेने के लिए शक्ति स्वरूप तलवार भी भेंट किया गया. गरुड़ पुराण में भगवान चित्रगुप्त को 'अक्षरों का दाता' भी कहा गया है. यह भी पढ़ें : Aaj 3 November 2024 ka Panchang: आज भाई-दूज एवं चित्रगुप्त पूजा! साथ ही जानें आज के पंचांग का शुभ-अशुभ एवं राहुकाल, सूर्य, चंद्रमा, ग्रहों एवं नक्षत्रों की स्थिति आदि के बारे में!
चित्रगुप्त पूजा 2024 तिथि व मुहूर्त
कार्तिक शुक्ल पक्ष दूज प्रारंभः 08.21 PM (02 नवंबर 2024, शनिवार)
कार्तिक शुक्ल पक्ष दूज समाप्त 10.05 PM (03 नवंबर 2024, रविवार)
उदया तिथि के अनुसार इस वर्ष चित्रगुप्त पूजा 3 नवंबर 2024, रविवार को मनाया जाएगा.
पूजा का शुभ मुहूर्तः 01.10 PM से 03.22 PM तक
कलम दवात पूजा-विधि
कायस्थ समाज का यह सबसे बड़ा पर्व है. कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितिया को सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर शुभ मुहूर्त में चित्रगुप्त जी और कलम दवात की पूजा की प्रक्रिया शुरू होती है. कलम दवात की पूजा संयुक्त रूप से की जाती है. घर के मंदिर के समक्ष एक स्वच्छ चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं. इस पर गणेशजी के साथ चित्रगुप्त जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. धूप-दीप प्रज्वलित करते हुए पहले गणेशजी फिर चित्रगुप्त जी के मंत्र का उच्चारण करते हुए पूजा प्रारंभ करें.
ॐ गं गणपतये नमो नमः
मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्।
लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्।
अपने सामने पेन अथवा कलम दवात रखें. एक सफेद पन्ने के शीर्ष पर ॐ श्रीगणेशाय नमः लिखने के पश्चात हल्दी के घोल से चित्रगुप्तजी की प्रतीकात्मक चित्र बनाएं. चित्र के नीचे श्रीगणेशाय नमः श्री चित्रगुप्ताय नम तथा तीन या पांच अन्य देवी देवता का नाम लिखें. चित्र पर पान एवं सुपारी रखें. अब सभी को रोली का टीका करें तथा पुष्प एवं अक्षत चढ़ाएं. मिष्ठान का भोग लगाएं. पूजा के अंत में चित्रगुप्त जी की आरती उतारें