जाने स्तन कैंसर जैसी बीमारी के लक्षण और बचने के उपाय

स्तन कैंसर (Breast cancer):स्तन कैंसर महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है. इससे बचाव के लिए लोगों में जागरूकता लाने की जरूरत है. जिससे वक्त रहते इसका इलाज हो सके. हमारे देश में आज भी महिलाएं स्तन कैंसर को लेकर जागरूक नहीं हैं...

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: pixabay)

स्तन कैंसर (Breast cancer):स्तन कैंसर महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है. इससे बचाव के लिए लोगों में जागरूकता लाने की जरूरत है. जिससे वक्त रहते इसका इलाज हो सके. हमारे देश में आज भी महिलाएं स्तन कैंसर को लेकर जागरूक नहीं हैं. हाल ही में हुए रिसर्च के मुताबिक़ 28 में से एक महिला को अपने जीवन काल में स्तन कैंसर होता है. अगर समय रहते इसका इलाज नहीं हुआ तो स्तन कटवाना पड़ता है. अगर कैंसर पूरी तरह से जकड़ लेता है तो मृत्यु भी होजाती है.

स्तन कैंसर ग्रामीण क्षेत्रों से ज्यादा शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को है. क्योंकि शहर में बिज़ी लाइफस्टाइल और पॉल्यूशन का बुरा असर महिलाओं के स्वास्थ पर पड़ता है. रिसर्च में पता चला है की भारत में स्तन कैंसर की समस्या 30-40 की उम्र में ज्यादा होती है. पिछले कुछ सालों में भारत में स्तन कैंसर की चपेट में 50 साल से कम उम्र की महिला ज्यादा आई हैं. भारत में इस बीमारी की जागरूकता और जांच का अभाव है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की महिलाओं को स्तन कैंसर का पता तीसरे या चौथे स्टेज पर लगता है, तब तक यह बीमारी जानलेवा हो जाती है. आइए आपको बताते हैं स्तन कैंसर के शुरूआती लक्षण और बचाव से जुड़ी कुछ जरुरी जानकारी.

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स्तन कैंसर के लक्षण और बचाव : स्तन में तेज दर्द, सूजन या गांठ महसूस हो तो सीधे डॉक्टर के पास जाए. इस बीमारी का पता अल्ट्रासाउंड और मेमोग्राम से होता है. साथ ही एफएनएसी(FNAC)टेस्ट कराना चाहिए, यह टेस्ट कैंसर बताता है. इस टेस्ट में गांठ में सूई डालकर थोड़ा सा फ्ल्यूड निकाला जाता है और माइक्रोस्कोप के जरिए जांच होती है. इससे पता चल जाता है की गांठ किस चीज की है. अगर गांठ के कारण दर्द हो रहा है तो उसे निकलवा देना चाहिए. सबसे बड़ी बात महिला और युवती को अपने ब्रेस्ट की जांच खुद करनी चाहिए. नहाते वक्त अपने ब्रेस्ट को प्रेस करके पता लगाएं कि कोई गांठ तो नहीं है. यह प्रोसेस रोजाना करें, जैसे ही कोई गांठ नजर आए, तुरंत डॉक्टर से मिलें.

यूं तो स्तन कैंसर के 100 में से 10 मामले जनेटिक होते हैं. लेकिन कैंसर में जींस के बदलाव का 100 प्रतिशत हाथ होता है. लाइफस्टाइल, आसपास का माहौल और जींस मिलकर शरीर में कैंसर होने की संभावना बढ़ा देते हैं.

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