75th Republic Day 2024: गणतंत्र दिवस भाषण हिंदी में 2024- छात्रों के लिए 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर एक ओजस्वी स्पीच
सबसे पहले मैं स्कूल के प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करना चाहूंगा, जिसने अपने पुराने विद्यार्थी को आज यहां इस मंच पर गणतंत्र दिवस पर कुछ शब्द बोलने का अवसर दिया.. जी हां, दस वर्ष पूर्व मैंने इसी स्कूल के प्रांगण में अपना शैक्षिक जीवन बिताया. मैंने इस स्कूल को स्कूल नहीं हमेशा से एक मंदिर समझा. आज मुझे यह कहने से कोई गुरेज नहीं कि अगर आज मैं आईएएस अधिकारी के पद तक पहुंचा हूं, तो उसकी नींव यहीं पड़ी है.
माननीय मुख्य अतिथि महोदय, प्रधानाचार्य जी, अध्यापकगण एवं छात्र-छात्राओं. आप सभी को गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं...
सबसे पहले मैं स्कूल के प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करना चाहूंगा, जिसने अपने पुराने विद्यार्थी को आज यहां इस मंच पर गणतंत्र दिवस पर कुछ शब्द बोलने का अवसर दिया.. जी हां, दस वर्ष पूर्व मैंने इसी स्कूल के प्रांगण में अपना शैक्षिक जीवन बिताया. मैंने इस स्कूल को स्कूल नहीं हमेशा से एक मंदिर समझा. आज मुझे यह कहने से कोई गुरेज नहीं कि अगर आज मैं आईएएस अधिकारी के पद तक पहुंचा हूं, तो उसकी नींव यहीं पड़ी है.
मित्रों, इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाना हर भारतीय नागरिक का दायित्व भी है और कर्तव्य भी. हमारा गणतंत्र हम सभी देशवासियों को एक सामूहिक एकता की भावना से जोड़ता है, हमें एक सशक्त गणराज्य का निर्माण करने के लिए प्रेरित करता है, यही तो है हमारे लोकतंत्र की खुशबू. इस वर्ष हम 75 वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं, इस तरह से यह गणतंत्र दिवस हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यह भी पढ़ें : Subhash Chandra Bose Jayanti 2024 Quotes: सुभाष चंद्र बोस जयंती पर प्रियजनों संग शेयर करें नेताजी के ये 10 क्रांतिकारी विचार
गणतंत्र दिवस का यह पर्व हमें हमारे संवैधानिक मूल्यों को समझने और भारतीय कानून का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है. आपको बता दूं कि 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने डॉ आंबेडकर रचित संविधान को स्वीकृति दी, और 26 जनवरी 1950 को सम्पूर्ण देश में संविधान लागू हुआ. इसके साथ ही हम ब्रिटिश कानून से मुक्त हुए और हमारा अपना कानून लागू हुआ था.
क्या आपको पता है कि एक गणराज्य या गणतंत्र सरकार का एक ऐसा स्वरूप है, जिसमें देश को एक ‘सार्वजनिक मामला’ माना जाता है, न कि शासकों की निजी संस्था या सम्पत्ति. एक गणराज्य के भीतर सत्ता के प्राथमिक पद विरासत में नहीं मिलते. यह सरकार का एक रूप है, जिसके अन्तर्गत राज्य का प्रमुख राजा नहीं होता. किसी भी देश के गणतंत्र में राज्य का मुखिया आमतौर पर राष्ट्रपति होता है.
मुझे इस तरह ध्यान से सुनने के लिए आप सभी को धन्यवाद, मुझे उम्मीद है, आपको मेरी बातें अच्छी लगी होंगी. मैं चाहूंगा कि आप सभी लोग मेरे साथ एक बार जोर से बोलें
जय हिंद