YSRCP विधायक की इस्तीफे के दो महीने बाद पार्टी में वापसी
सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के दो महीने बाद मंगलवार को एक बार फिर अल्ला रामकृष्ण रेड्डी पार्टी में शामिल हो गए हैं. मंगलागिरी निर्वाचन क्षेत्र के विधायक ने मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी से मुलाकात की, जिन्होंने पार्टी में उनका वापस स्वागत किया.
अमरावती, 20 फरवरी : सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के दो महीने बाद मंगलवार को एक बार फिर अल्ला रामकृष्ण रेड्डी पार्टी में शामिल हो गए हैं. मंगलागिरी निर्वाचन क्षेत्र के विधायक ने मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी से मुलाकात की, जिन्होंने पार्टी में उनका वापस स्वागत किया. वाईएसआरसीपी सांसद अयोध्या रामी रेड्डी के साथ रामकृष्ण रेड्डी ने मुख्यमंत्री से उनके कैंप कार्यालय में मुलाकात की.
वाईएसआरसीपी और विधायक पद से अपने इस्तीफे की घोषणा करने के बाद, रामकृष्ण रेड्डी ने जगन की बहन वाईएस शर्मिला की कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद उनके साथ काम करने का फैसला किया था. शर्मिला को राज्य कांग्रेस प्रमुख नियुक्त किए जाने के बाद, रामकृष्ण रेड्डी को कुछ मौकों पर उनके साथ देखा गया था. यह भी पढ़ें : Lok Sabha Elections: मुंबई के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे जेपी नड्डा, लोकसभा चुनाव को लेकर करेंगे अहम बैठक
रामकृष्ण रेड्डी जाहिर तौर पर वाईएसआरसीपी में लौट आए हैं, जब पार्टी ने उन्हें आगामी विधानसभा चुनावों के लिए निर्वाचन क्षेत्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देने का वादा किया था. रामकृष्ण रेड्डी ने 11 दिसंबर को व्यक्तिगत कारणों से वाईएसआरसीपी और विधानसभा से अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. उन्होंने अपना इस्तीफा स्पीकर के कार्यालय को सौंप दिया था लेकिन स्पीकर ने इसे स्वीकार नहीं किया था.
वह वाईएसआरसीपी नेतृत्व द्वारा मंगलागिरी के लिए गंजी चिरंजीवी की निर्वाचन क्षेत्र प्रभारी के रूप में नियुक्ति से नाखुश थे. वह पार्टी के भीतर एक समूह द्वारा आगामी चुनावों के लिए टिकट न दिए जाने की मांग से भी दुखी थे. उन्होंने 2019 के चुनाव में मंगलागिरी से तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के महासचिव नारा लोकेश को हराया था, जो अमरावती राजधानी क्षेत्र को कवर करता है. उन्होंने अमरावती भूमि मुद्दे को लेकर तत्कालीन टीडीपी सरकार के खिलाफ अनगिनत मामले भी दायर किए थे.