विजयवाड़ा: वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा राज्य के साथ किए जा रहे अन्याय के विरोध में 24 जुलाई को आंध्र प्रदेश बंद का आह्वान किया है. राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी ने शनिवार को सभी राजनीतिक दलों से बंद को सफल बनाने का आह्वान किया है. साथ ही उसने राज्य में सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सभी सांसदों से इस्तीफे की मांग की है.
लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ तेदेपा के अविश्वास प्रस्ताव के असफल हो जाने के एक दिन बाद वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि तेदेपा सांसदों को इस्तीफा दे देना चाहिए और राज्य को विशेष दर्जा दिलाने की मांग पर दबाव बनाने के लिए अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठ जाना चाहिए.
काकीनाडा में संवाददाताओं से बातचीत में जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि राज्य के सभी सांसदों को इस्तीफा देकर विरोध करना चाहिए और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में किए गए वादों को पूरा करने के लिए केंद्र को मजबूर करना चाहिए. केंद्र सरकार द्वारा विशेष दर्जा देने से इंकार किए जाने के विरोध में रेड्डी की पार्टी के सांसदों ने पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था.
जगन ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान न तो कांग्रेस और न ही भाजपा ने विशेष दर्जे के बारे में बात की. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आंध्र प्रदेश से संबंधित मुद्दे पर डेढ़ मिनट भी नहीं बोला.विपक्ष के नेता ने राजग सरकार पर चार साल बाद भी आंध्र प्रदेश के लिए किए वादों को पूरा नहीं करने के लिए निशाना साधा.
रेड्डी ने कहा, "बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलासा किया था कि मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के इस बात पर सहमत होने के बाद ही राज्य के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की गई थी."उन्होंने कहा, "विशेष दर्जे के बदले में विशेष पैकेज के लिए सहमत होने वाले चंद्रबाबू कौन होते हैं। आंध्र प्रदेश के लोगों के अधिकारों से मोलभाव करने का अधिकार केंद्र और चंद्रबाबू को किसने दिया."