World Plastic Free Day 2023: प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस, जानें इसका इतिहास, महत्व एवं प्रतिबंधित वस्तुओं के प्रयोग पर सजा

साल 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक की चीजों को बनाने, बेचने और इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगी हुई है

World Plastic Free Day 2023: प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस, जानें इसका इतिहास, महत्व एवं प्रतिबंधित वस्तुओं के प्रयोग पर सजा
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

World Plastic Free Day 2023: क्यों महत्वपूर्ण है ‘प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस’? जानें इसका इतिहास, महत्व एवं प्रतिबंधित वस्तुओं के प्रयोग पर सजा! साल 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक की चीजों को बनाने, बेचने और इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगी हुई है. इसके तहत इन चीजों को बनाना, आयात करना, जमा करना, डिस्ट्रिब्यूशन इत्यादि था, लेकिन आज सर्वे करें तो पायेंगे कि हर किस्म के प्लास्टिक बैग का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है. इसके जिम्मेदार उपभोक्ता से लेकर निर्माता, प्रशासन, सरकार और यहां तक की न्यायालय भी है. पर्यावरण के लिए प्लास्टिक किसी सुरसा के मुंह की तरह बढ़ता जा रहा है. प्लास्टिक में निहित जहरीले केमिकल का नुकसान मनुष्य से लेकर पशु, पक्षी, कृषि यहां तक कि प्रकृति को भी उठाना पड़ रहा है. क्या वाकई प्लास्टिक प्रतिबंधित कानून और विश्व प्लास्टिक मुक्त दिवस आदि सब बेमानी साबित हो रहे हैं? विश्व प्लास्टिक मुक्त दिवस (3 जुलाई 2023) के अवसर पर हम बात करेंगे इस दिवस विशेष के महत्व, इतिहास, एवं इस पर बने कानून एवं उसके उल्लंघन आदि विषयों पर..

क्या है इसका इतिहास? प्लास्टिक पैच की खोज 1997 में समुद्र में की गई थी, देखते ही देखते संपूर्ण विश्व में प्लास्टिक बैग छा गया, लेकिन शीघ्र ही लोगों ने प्लास्टिक उपयोग से होने वाले नुकसान पर चर्चा करना भी शुरू कर दिया. बैग फ्री वर्ल्ड संगठन ने प्लास्टिक-मुक्त दुनिया को बढ़ावा देने हेतु तमाम तरह के अभियान शुरू किए, और दुनिया भर के लोगों को प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस से जुड़ने के लिए प्रेरित किया. ज़ीरो वेस्ट यूरोप (ZWE) के एक सदस्य रेज़ेरो ने 03 जुलाई 2008 को अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस की घोषणा की. 2002 में, बांग्लादेश प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश बना. इसके बाद, भारत समेत कई देशों ने भी सिंगल प्लास्टिक उपयोग पर प्रतिबंध लगाया.

विश्व प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस का महत्व: इस दिवस विशेष का मुख्य उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक करना है. प्लास्टिक के निर्माण में जिन केमिकल्स का इस्तेमाल होता है, वह मनुष्य के साथ-साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं. सिंगल यूज प्लास्टिक बैग खाने से पशुओं की मृत्यु होती है. नदियों, जलाशयों एवं समुद्र के जीव भी काल-कवलित होते हैं, जिससे जल प्रदूषित होता है. चूंकि ये प्लास्टिक बैग रिसायकल नहीं किये जा सकते, इसलिए इनका पूरी तरह बंद होना सभी के लिए लाभकारी होता है. ध्यान रहे कि हर साल लगभग 300 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है, जिसमें 91 प्रतिशत प्लास्टिक बैग रिसायकल नहीं होते.

भारत में प्लास्टिक निर्मित प्रतिबंधित वस्तुएं एवं पकड़े जाने पर सजा!: हमारे देश में 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है भारत सरकार ने कुल 19 वस्तुओं को बैन किया है. इनका प्रोडक्शन, बिक्री, एवं प्रयोग प्रतिबंधित है इनमें प्रमुख है प्लास्टिक कैरी बैग (जिसकी मोटाई 75 माइक्रोन से कम है), प्लास्टिक ईयर बड्स, प्लास्टिक के झंडे, गुब्बारों की स्टिक, कैंडी स्टिक, थर्माकोल, प्लास्टिक के आमंत्रण-पत्र, आइसक्रीम स्टिक, प्लास्टिक की प्लेट कटोरी, गिलास, प्लास्टिक के चम्मच-कांटे, बर्थ-डे चाकू, प्लास्टिक की स्ट्रा, चीनी मिलाने वाली प्लास्टिक की स्टिक इत्यादि वस्तुएं शामिल हैं. नियम तोड़ने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत सेक्शन 15 कार्रवाई की जाएगी. जिसमें जेल या जुर्माना अथवा दोनों की सजा मिल सकती है.


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