नई दिल्ली, 9 अगस्त : दिल्ली परिवहन निगम की बस में मार्शल के रूप में तैनात एक 23 वर्षीय महिला ने अपने एक सहकर्मी के यौन संबंधों को ठुकराने के बाद उसके उपर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि आयोग को महिला से शिकायत मिली है जिसमें उसने कहा है कि उसे 20 मई को डीटीसी बस सेवा में बस मार्शल के रूप में तैनात किया गया था डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) को नोटिस में उल्लेख किया, "उसने आरोप लगाया है कि कुछ दिनों के बाद, उसके एक सहकर्मी ने उसे यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करना शुरू कर दिया और एक डिपो से उसके स्थानांतरण के लिए 25,000 रुपये भी लिए. उसने कहा कि उसने उसके खिलाफ डिपो के उच्च अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. महिला ने आगे आरोप लगाया कि इसके बाद डिपो मैनेजर और कुछ बस चालक और कंडक्टर सहित अन्य कर्मचारियों ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया."
मालीवाल ने कहा, "उसने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया और केशवपुरम पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज की गई, हालांकि, डिपो प्रबंधक और अन्य कर्मचारियों ने उसे मामले में समझौता करने के लिए मजबूर किया. उसने आरोप लगाया है कि आरोपी व्यक्तियों ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी." 20 जुलाई को डिपो प्रबंधक ने उसे उसकी ड्यूटी से बर्खास्त कर दिया जिसके बाद उसने संबंधित एसडीएम से संपर्क किया, जिसने उसकी शिकायतों को पढ़ने के बाद उसे फिर से डिपो में शामिल होने के लिए भेजा. डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा, "हालांकि, डिपो प्रबंधक और अन्य कर्मचारियों ने उसे शामिल होने से मना कर दिया और उसे अपनी शिकायतें वापस लेने के लिए कहा." महिला ने डीसीडब्ल्यू को दी अपनी शिकायत में कहा कि उसने केशवपुरम पुलिस स्टेशन से भी संपर्क किया लेकिन कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई. मालीवाल ने कहा, "आखिरकार उसने आत्महत्या करने की कोशिश की और फिलहाल वह अस्पताल में भर्ती है." यह भी पढ़ें :UP में एसिड हमले में महिला बैंक मैनेजर झुलसीं
मामले की पुष्टि करते हुए, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केशवपुरम पुलिस स्टेशन में 15 जुलाई को एक पीसीआर कॉल आई थी जिसमें एक महिला कॉलर ने नेताजी सुभाष प्लेस बस डिपो में अपने सहयोगी द्वारा दुर्व्यवहार और शारीरिक हमले का उल्लेख किया था. पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) उषा रंगनानी ने कहा, "महिला ने आरोप लगाया था कि होमगार्ड सचिन कौशिक के रूप में पहचाने जाने वाले उसके सहयोगी ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसके साथ मारपीट की." डीसीपी ने बताया कि कौशिक को पूछताछ के लिए थाने लाया गया था. महिला ने पुलिस को बताया कि ड्यूटी देने को लेकर उसका सचिन कौशिक से विवाद हो गया था और बहस के दौरान कौशिक ने उसके साथ गाली-गलौज की और उसे धक्का दे दिया.
डीसीपी रंगनानी ने कहा, "हालांकि, शिकायतकर्ता ने मामले को आरोपी के साथ खुद ही समझौता कर लिया और जांच अधिकारी को अपना हस्तलिखित बयान दिया कि वह आरोपी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं चाहती है क्योंकि उसने माफी मांगी है और उसे कोई चोट नहीं आई है. " वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें महिला द्वारा इस तरह के कदम उठाने के बारे में कोई फोन नहीं आया. अधिकारी ने कहा, "जांच अधिकारी (आईओ) पीड़िता से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है और उसके बयान के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी."