Ayodhya Lok Sabha Seat Result: जिस अयोध्या के नाम पर पूरे देश में लड़ा चुनाव आखिर वहीं क्यों हार गई बीजेपी, जानें ये 5 बड़े कारण
फैजाबाद लोकसभा सीट से सपा उम्मीदवार अवधेष प्रसाद ने भाजपा के लल्लू सिंह को 54,567 वोटों से हरा दिया है. आइए अब आपको 5 ऐसे बड़े कारण बताते हैं, जो शायद अयोध्या में बीजेपी के हार का कारण बना है.
Ayodhya Lok Sabha Seat Result: यूपी की अयोध्या लोकसभा सीट पर बीजेपी पिछले 10 सालों से काबिज थी, लेकिन इस बार उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है. बीजेपी के नेताओं ने यह बिल्कुल भी नहीं सोचा था कि जिस राम के नाम की वह राजनीति करते हैं, उन्हें उसी राम की नगर में शिकस्त झेलनी पड़ेगी. अयोध्या की इस हार ने यूपी बीजेपी को पूरी तरह से हिला कर रख दिया है.
पार्टी के शीर्ष नेताओं को अभी भी यह यकीन नहीं हो रहा है कि आखिर अयोध्या सीट उनके हाथ से कैसे निकल गई? दरअसल, फैजाबाद लोकसभा सीट से सपा उम्मीदवार अवधेष प्रसाद ने भाजपा के लल्लू सिंह को 54,567 वोटों से हरा दिया है. आइए अब आपको 5 ऐसे बड़े कारण बताते हैं, जो शायद अयोध्या में बीजेपी के हार का कारण बना है.
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1- चुनावी रणनीतिकारों का मानना है कि अयोध्या-फैजाबाद लोकसभा सीट को लेकर बीजेपी काफी ओवर कॉन्फिडेंस था. इसकी वजह से पार्टी संगठन और भाजपा नेताओं ने यहां ठीक से चुनाव प्रचार नहीं किया.
2- यहां से मौजूदा सांसद लल्लू सिंह के खिलाफ लोगों में नाराजगी थी. इसके बावजूद बीजेपी ने दोबारा उन्हें टिकट देकर चुनावी मैदान में उतार दिया.
3- भाजपा के काफी नेताओं ने अंदरखाने भितरघात किया, क्योंकि वह मौजूदा सांसद लल्लू सिंह के रवैये से नाराज थे. इसी के चलते बीजेपी विधायकों ने भी अपने प्रत्याशी के लिए ठीक से कैंपेन नहीं किया.
4- अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद हर दिन वीवीआईपी लोगों का आना-जाना शुरू हो गया. ऐसे में कई बार प्रोटोकॉल के तहत अयोध्यावासियों की गाड़ियां उनके घर से 3 किलोमीटर पहले ही रोक दी जाती थीं. ऐसा कहा जा रहा है कि इससे लोगों में रोष था.
5- राम पथ, भक्ति पथ, कौसी मार्ग और परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण के नाम पर लोगों के मकान तोड़े गए. कहा जा रहा है कि इसकी जद में आए लोगों को सही मुआवजा नहीं दिया गया. इससे वह सरकार के खिलाफ नाराज थे.
माना जा रहा है कि इन्हीं कारणों की वजह से अयोध्यावासियों ने यहां कमल को नहीं खिलने दिया. बीजेपी अगर इन सभी बातों पर गहन मंथन नहीं करती है तो यूपी विधानसभा के चुनाव में भी कुछ इसी तरह का नजारा अयोध्या में दोबारा देखने को मिल सकता है.