Jharkhand Emergency Ambulance Service: झारखंड में इमरजेंसी एंबुलेंस सर्विस के पहिए थमे, वेतन न मिलने से हड़ताल पर 600 से ज्यादा चालक
झारखंड में 108 नंबर से संचालित इमरजेंसी एंबुलेंस सर्विस ठप हो गई है पूरे राज्य में इस सर्विस के तहत चलने वाली 337 एंबुलेंस के पहिए थम गए हैं इन एंबुलेंस के परिचालन के लिए 674 ड्राइवर कार्यरत हैं
रांची, 10 अगस्त: झारखंड में 108 नंबर से संचालित इमरजेंसी एंबुलेंस सर्विस ठप हो गई है पूरे राज्य में इस सर्विस के तहत चलने वाली 337 एंबुलेंस के पहिए थम गए हैं इन एंबुलेंस के परिचालन के लिए 674 ड्राइवर कार्यरत हैं, लेकिन पिछले तीन से पांच महीने से वेतन न मिलने से सभी हड़ताल पर चले गए हैं इसकी वजह से पिछले 48 घंटे से राज्य भर में मरीजों को इसकी सेवा नहीं मिल पा रही है. यह भी पढ़े: Jagarnath Mahato Passed Away: झारखंड के शिक्षा एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो का निधन, चेन्नई के हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली
लोग फोन करके कॉल सेंटर से एंबुलेंस सेवा की मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लग रही है नतीजतन एंबुलेंस के लिए वे पूरी तरह प्राइवेट एंबुलेंस चालकों पर निर्भर हो गये हैं इसका फायदा प्राइवेट एंबुलेंस चालक उठा रहे हैं और वे मनमाना किराया वसूल रहे हैं.
हड़ताल पर गए एंबुलेंस चालकों का कहना है कि बीते पांच महीनों से उन्हें तनख्वाह नहीं मिली है इससे उनके लिए घर चलाना और बच्चों की स्कूल फीस भरना मुश्किल हो गया है एंबुलेंस चालक साकिब आलम ने बताया कि वेतन नहीं मिलने के कारण चालकों के परिवार भुखमरी के कगार पर आ गये हैं दो वक्त के भोजन पर संकट आ गया है कुछ दिनों से घर में एक टाइम भोजन बन रहा है रात में पूरा परिवार भूखे पेट सोने को विवश है.
नेशनल हेल्थ मिशन के निदेशक आलोक त्रिवेदी ने बताया कि ड्राइवर और कर्मियों का वेतन एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली एजेंसी जिकित्सा हेल्थकेयर ने रोक रखा है उनकी जानकारी में अप्रैल या मई तक का वेतन भुगतान एजेंसी को पहले ही किया जा चुका है मंगलवार को एक महीने की वेतन राशि भी दे दी गयी है.
वहीं मामले में जिकित्सा हेल्थ केयर के स्टेट हेड मिल्टन सिंह ने कहा कि एनएचएम से एक महीने का भुगतान होते ही मंगलवार को सभी स्टाफ के खाते में एक माह की सैलरी भेज दी गयी फिर भी वे मई, जून और जुलाई की सैलरी मांग रहे हैं एनएचएम से बकाया भुगतान कब होगा इसका कोई आश्वासन नहीं मिला है.