West Bengal: कोलकाता में तृणमूल की रैली के खिलाफ अदालत पहुंचे आंदोलनकारी

संयुक्त फोरम ने तर्क दिया है कि सत्तारूढ़ पार्टी ने अपनी रैली के लिए उसी स्थान का चयन किया है, जहां दो महीनों से डीए आंदोलनकारी धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. याचिका में, संयुक्त मंच ने तर्क दिया है कि अगर तृणमूल कांग्रेस की रैली, जिसमें 50 हजार से अधिक लोगों की अनुमानित भीड़ होगी, को उसी स्थान पर अनुमति दी जाती है, तो कानून और व्यवस्था की समस्या होने की संभावना है

Mamata banerjee (Photo Credit : Twitter)

कोलकाता, 28 मार्च: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में ममता सरकार द्वारा महंगाई भत्ते का बकाया भुगतान नहीं किए जाने के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे राज्य सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ से बुधवार को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की रैली पर रोक की मांग की है. जस्टिस राजशेखर मंथा की सिंगल जज बेंच ने याचिका को स्वीकार कर लिया है और मामले की सुनवाई आज ही दोपहर बाद करेगी. यह भी पढ़ें: Kolkata Shocker: 'तांत्रिक' के कहने पड़ोसी की नाबालिग बेटी की बलि देने के आरोप में शख्स गिरफ्तार

संयुक्त फोरम ने तर्क दिया है कि सत्तारूढ़ पार्टी ने अपनी रैली के लिए उसी स्थान का चयन किया है, जहां दो महीनों से डीए आंदोलनकारी धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. याचिका में, संयुक्त मंच ने तर्क दिया है कि अगर तृणमूल कांग्रेस की रैली, जिसमें 50 हजार से अधिक लोगों की अनुमानित भीड़ होगी, को उसी स्थान पर अनुमति दी जाती है, तो कानून और व्यवस्था की समस्या होने की संभावना है. बुधवार को रैली के मुख्य वक्ता तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी हैं. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उनकी अपील है कि या तो तृणमूल कांग्रेस को उसी स्थान पर रोका जाए या किसी वैकल्पिक स्थान पर स्थानांतरित किया जाए.

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