Weather Forecast: डीप डिप्रेशन लेकर आ रहा है भारी बारिश, इन राज्यों के लिए अलर्ट जारी
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नई दिल्ली: मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, आने वाले दिनों में देश के कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना है. 11 सितंबर की रात को उपग्रह से मिले चित्रों में दिखी एक बड़े पैमाने पर बनने वाली अवदाब (डिप्रेशन) प्रणाली उत्तर भारत के इलाकों में प्रवेश कर चुकी है. मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि अगले 48 घंटों में पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अत्यधिक भारी बारिश (150-350 मिमी) हो सकती है. इसके साथ ही बादल फटने और अचानक बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. IMD ने 11 से 14 सितंबर के बीच दिल्ली, पूर्वी हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर मध्य प्रदेश में भारी बारिश की संभावना जताई है.

उत्तर भारत में कल का मौसम: यह डिप्रेशन छत्तीसगढ़ से पश्चिम उत्तर प्रदेश होते हुए उत्तराखंड की ओर बढ़ने वाला है, जिससे इन इलाकों में लगातार तेज बारिश हो सकती है. इस मौसम प्रणाली के कारण अगले 4 दिनों तक दिल्ली और उत्तर व मध्य भारत के कई इलाकों में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है.

उत्तराखंड में बादल फटने और बाढ़ का बड़ा खतरा

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में (कल का मौसम) अत्यधिक बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की भारी बारिश से बादल फटने की घटनाओं का खतरा भी बना हुआ है.

इन राज्यों में होगी भारी बारिश

पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी बारिश से बिगड़ सकते हैं हालात

कैसा रहेगा कल का मौसम पश्चिम उत्तर प्रदेश के इलाकों में भी भारी बारिश की संभावना है, जिससे कई क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ का खतरा है. ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. विशेष रूप से निचले इलाकों में जलभराव की समस्या गंभीर हो सकती है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है.

दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी भारी बारिश

दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी बुधवार की रात से लेकर गुरुवार और शुक्रवार तक लगातार भारी बारिश की संभावना है. इन क्षेत्रों में 70 से 200 मिमी तक बारिश होने का अनुमान है.

मौसम विभाग ने लोगों से आग्रह किया है कि वे इस दौरान अत्यधिक सावधानी बरतें और अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें. खासकर पहाड़ी इलाकों और जलभराव वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने का प्रयास करें. स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट पर हैं.