Vice-Presidential Poll: देश को आज मिलेगा नया उपराष्ट्रपति, जगदीप धनखड़-मार्गरेट अल्वा के बीच मुकाबले में किसका पलड़ा भारी?
जगदीप धनखड़ व मार्गरेट अल्वा (Photo Credits: FB/TW)

नई दिल्ली: देश को आज नया उपराष्ट्रपति मिलने वाला है. देश के नए उपराष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए शनिवार को मतदान होगा. इसमें मुकाबला NDA के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) और विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) के बीच है. लेकिन राष्ट्रपति चुनाव की तरह इस बार भी ये मुकाबला एकतरफा बनता दिख रहा है. चुनाव नतीजे आज ही आने हैं. Vice President Elections 2022: BSP सुप्रीमो मायावती फिर BJP के साथ, जगदीप धनखड़ को देगी समर्थन.

संसद भवन में मतदान सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक होगा. इसके तुरंत बाद मतों की गिनती की जाएगी और देर शाम तक निर्वाचन अधिकारी द्वारा देश के नए उपराष्ट्रपति के नाम की घोषणा कर दी जाएगी.

आंकड़ों के लिहाज से इस रेस में जगदीप धनखड़ काफी आगे चल रहे हैं. विपक्ष की तरफ से मार्गरेट अल्वा चुनाव जरूर लड़ रही हैं, लेकिन धनखड़ ने एक मजबूत लीड बना रखी है.आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल धनखड़ की जीत सुनिश्चित लग रही है.

विपक्षी दलों में उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर मतभेद भी सामने आए हैं, क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने अल्वा के नाम की घोषणा से पहले सहमति नहीं बनाने की कोशिशों का हवाला देते हुए मतदान प्रक्रिया से दूर रहने की घोषणा की है.

अस्सी वर्षीय अल्वा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं और वह राजस्थान के राज्यपाल के रूप में भी काम कर चुकी हैं. धनखड़ 71 वर्ष के हैं और वह राजस्थान के प्रभावशाली जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उनकी पृष्ठभूमि समाजवादी रही है.

11 अगस्त को होगा शपथ ग्रहण 

उपराष्ट्रपति के रूप में एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है और नए उपराष्ट्रपति 11 अगस्त को शपथ लेंगे. लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में शामिल होते हैं. इसमें मनोनीत सदस्य भी मतदान करने के पात्र होते हैं.

संसद में सदस्यों की मौजूदा संख्या 788 है, जिनमें से केवल भाजपा के 394 सांसद हैं. जीत के लिए 390 से अधिक मतों की आवश्यकता होती है. धनखड़ यदि उपराष्ट्रपति निर्वाचित होते हैं, तो यह एक इत्तेफाक ही होगा कि लोकसभा के अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति एक ही राज्य के होंगे. वर्तमान में ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष हैं और वह राजस्थान के कोटा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं.

क्या है चुनाव प्रक्रिया 

चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होगा और चुनाव गुप्त मतदान के द्वारा होगा. इस प्रणाली में, निर्वाचक को उम्मीदवारों के नामों के सामने वरीयताएं अंकित करनी होती है.

इस चुनाव में खुले मतदान की कोई अवधारणा नहीं है और राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के चुनाव में किसी भी परिस्थिति में किसी को भी मतपत्र दिखाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. वर्ष 1974 के नियमों में निर्धारित मतदान प्रक्रिया में यह प्रावधान है कि मतदान कक्ष में वोट पर निशान लगाने के बाद मतदाता को मतपत्र को मोड़कर मतपेटी में डालना होता है. मतदान प्रक्रिया के किसी भी उल्लंघन पर पीठासीन अधिकारी द्वारा मतपत्र को रद्द कर दिया जाएगा.