Uttarakhand: राज्य को फिर मिलेगा नया सीएम, रेस में इन नेताओं के नाम हैं सबसे आगे

राज्य पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज सीएम पद के प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं. इसके अलावा धन सिंह रावत का भी भी रेस में आगे है.

सतपाल महाराज (Photo: Facebook)

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat Live Updates) ने शुक्रवार को पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने देर रात राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा है. इससे पहले इस संदर्भ में उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) को एक पत्र लिखा. इस पत्र में उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की है. इसके पीछे की वजह संवैधानिक संकट पैदा होना बताया गया. इससे पहले सीएम रावत ने जेपी नड्डा से मुलाकात भी की थी. Uttarakhand: सीएम तीरथ सिंह रावत ने दिया पद से इस्तीफा, शनिवार को होगी विधायक दल की बैठक.

बता दें कि राज्य में जारी सियासी हलचल के बीच तीरथ सिंह रावत इन दिनों से दिल्ली में डेरा जमाए हुए थे और इस दौरान उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. पौड़ी से लोकसभा सांसद रावत ने इसी साल 10 मार्च में मुख्यमंत्री का पद संभाला था.

अगले मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा तेज

राज्य पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज सीएम पद के प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं. सतपाल महाराज ने उत्तराखंड के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. राज्य की जनता भी उन्हें बेहद पसंद करती है.

मुख्यमंत्री पद की रेस में राज्य सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का नाम भी आगे बताया जा रहा है. धन सिंह रावत श्रीनगर विधानसभा से विधायक हैं.

उत्‍तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत भी सीएम पद की रेस में हैं. वे कालाढूंगी विधानसभा सीट से विधायक हैं.

मंत्री हरक सिंह रावत का नाम भी मुख्‍यमंत्री पद के दावेदारों में है. वर्तमान में हरक सिंह रावत के पास आयुष और आयुष शिक्षा समेत कई महत्‍वपूर्ण विभाग हैं.

अगले साल होंगे विधानसभा चुनाव 

उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. गौरतलब है कि तीरथ सिंह रावत ने मार्च महीने में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह ली थी. पार्टी में उठ रहे विरोध के चलते त्रिवेंद्र सिंह रावत को सत्ता से हाथ धोना पड़ा था. त्रिवेंद्र सिंह रावत तकरीबन चार साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे. वहीं तीरथ सिंह रावत मात्र चार महीने सीएम रहे. अब देखना यह होगा कि चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत बनाने के लिए बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व क्या निर्णय लेता है.

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