उत्तराखंड: भारी बर्फबारी के बीच फंसे 400 से ज्यादा लोगों को ITBP के जवानों ने किया रेस्क्यू, सुखोई-मसूरी मार्ग से बर्फ हटाने का काम जारी
शनिवार रात भी भारी बर्फबारी के चलते सुखोई-मसूरी मार्ग बाधित हो गया, जिसके चलते सैकड़ों लोग फंस गए. ऐसे में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस यानी आईटीबीपी के जवानों ने 400 से भी ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया है. सड़क से बर्फ हटाने और बचाव का कार्य जारी है.
देवभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) में कड़ाके की ठंड और बर्फबारी (Snowfall) का लुत्फ उठाने के लिए भारी संख्या में पर्यटक (Tourists) यहां के पर्यटन स्थलों का रूख कर रहे हैं. उत्तराखंड में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हो रही है. एक ओर जहां पर्यटक मौसम की बर्फबारी का लुत्फ उठा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सड़कों के बाधित होने से उनकी समस्याएं भी बढ़ गई हैं. हालांकि सड़कों से बर्फ को हटाने के लिए प्रशासन ने इंतजाम भी किए हैं, लेकिन ये सब नाकाफी साबित हो रहे हैं. शनिवार रात भी भारी बर्फबारी के चलते सुखोई-मसूरी मार्ग (Suakholi-Mussoorie road) बाधित हो गया, जिसके चलते सैकड़ों लोग फंस गए. ऐसे में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस यानी आईटीबीपी (Indo-Tibetan Border Police-ITBP) के जवानों ने 400 से भी ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया है.
यहां फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के साथ ही आईटीबीपी के जवान सड़क से बर्फ को हटाने की मशक्कत में जुट गए. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सुखोई-मसूरी मार्ग से बर्फ हटाने और राहत-बचाव का काम जारी है.
ITBP के जवानों ने किया 400 लोगों को रेस्क्यू
बता दें कि भारी बर्फबारी के चलते यहां तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है और यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो गई है. कई जगहों पर सड़कों से बर्फ हटाने के लिए जेसीबी मशीने भी लगाई गई हैं, लेकिन ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में प्रशासन और पुलिस नाकाम साबित होती दिख रही है. यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के औली में बर्फबारी का नजारा होता है जन्नत जैसा, यहां बनाएं अपने विंटर वेकेशन को यादगार
गौरतलब है कि शनिवार दोपहर बाद केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में हल्की बर्फबारी हुई. जबकि चमोली, जोशीमठ और दशोली ब्लाक के करीब 30 गांव बर्फबारी के चलते बर्फ की सफेद चादर में ढंक गए. रुद्रप्रयाग, मसूरी, तुंगनाथ, चमोली, उत्तरकांशी, औली जैसे ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फबारी के चलते निचले इलाकों में शीतलहर का कहर बढ़ गया है और तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है.