Vikas Dubey Encounter Case: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा- एक राज्य के तौर पर आपको विधि का शासन बनाए रखना होगा, ऐसा करना आपका कर्तव्य है
विकास दुबे एनकाउंटर मामले में सोमवार यानि आज सुप्रीम कोर्ट में सवाल उठाने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने सहमति जताई और सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वो विकास दुबे एनकाउंटर मामले की जांच के लिए एक समिति का पुनर्गठन करने के लिए तैयार है.
लखनऊ: विकास दुबे एनकाउंटर मामले में सोमवार यानि आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सवाल उठाने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने सहमति जताई और सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वो विकास दुबे एनकाउंटर मामले की जांच के लिए एक समिति का पुनर्गठन करने के लिए तैयार है. उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से कहा कि एक राज्य के तौर पर आपको विधि का शासन बनाए रखना होगा, ऐसा करना आपका कर्तव्य है.
वहीं उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मुठभेड़ सही थी. हालांकि, कोर्ट की तरफ से ये कहा गया कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाने के लिए जिम्मेदार है और इसके लिए ट्रायल होना चाहिए था. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि जांच कमेटी में पूर्व एससी जज और एक पुलिस अधिकारी हमारे होंगे. उत्तर प्रदेश सरकार जांच कमेटी के पुनर्गठन पर सहमत भी हो गई है.
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बता दें कि विकास दुबे ने 9 जुलाई सुबह करीब 9.30 बजे के करीब उज्जैन के महाकाल मंदिर में सरेंडर किया था. दुबे को पकड़ने के लिए पिछले एक हफ्ते से पुलिस की कई टीमें सक्रिय थीं, लेकिन वह लगातार चकमा दे रहा था. सरकार ने विकास दुबे के उपर 5 लाख रूपये का इनाम रखा था.
हिस्ट्री-शीटर विकास दुबे 10 जुलाई को कानपुर लाया जा रहा था. इस दौरान अचानक गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे एक घायल पुलिसकर्मी का हथियार छीनकर भागने लगा. पुलिस ने उसे सरेंडर करने का मौका दिया, लेकिन विकास दुबे ने इस दौरान फायरिंग करनी शुरू कर दी. जवाबी फायरिंग में उसे गोली लगी और चिकित्सा के लिए अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई.