लखनऊ: देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप और होली के त्योहार को देखते हुए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की है. इसके तहत अब राज्यभर में बिना पूर्व अनुमति के कोई जुलूस नहीं निकाला जाएगा. साथ ही जुलूस में 60 वर्ष से ऊपर के लोग और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और किसी बीमारी से पीड़ित लोगों के शामिल होने पर रोक रहेगी. प्रशासन ने सभी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करवाने का आदेश दिया है. उत्तर प्रदेश: कथित कोरोना टीका लगने के बाद मजदूर की मौत के मामले की जांच होगी
होली सहित अन्य त्योहारों, पंचायत चुनाव तथा देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते यूपी में विशेष सतर्कता और सावधानी बरतने के आदेश दिए गए है. अधिकारीयों से सार्वजनिक स्थानों पर सभी व्यक्तियों द्वारा मास्क का प्रयोग और सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने के लिए कहा गया है.
जुलूस और सार्वजनिक कार्यक्रम पर रोक
सरकारी आदेश में कहा गया है कि आगामी पर्व, त्योहारों के दौरान अत्यधिक सतर्कता बरती जायेगी तथा किसी प्रकार के जुलूस इत्यादि प्रशासन से अनुमति प्राप्त करने के बाद ही आयोजित की जा सकेगी. वहीं अनुमति प्राप्त करने के पश्चात जुलूस या सार्वजनिक कार्यकम के आयोजक के लिए यह अनियार्य होगा कि सामाजिक दूरी, सभी के लिए मास्क लगाना तथा सेनेटाईजर की व्यवस्था करेंगे. जबकि जुलूसों व सार्वजनिक कार्यकमों में 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों, 10 वर्ष से छोटे उम्र के बच्चों तथा गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को हिस्सा लेने की मनाही होगी.
कोरोना प्रभावित राज्यों से आने वालों का होगा टेस्ट
जिन प्रदेशों में कोविड का संक्रमण अत्यधिक है वहां से होली के त्यौहार के लिए घर आ रहे लोगों की कोविड जांच अनिवार्य रूप से करायी जाएगी. जबकि कक्षा 8 तक के समस्त निजी, सरकारी तथा अर्द्धसरकारी विद्यालयों में 24 मार्च से 31 मार्च तक होली का अवकाश कर दिया जाये. वहीं, अन्य शिक्षण संस्थान (मेडिकल अथवा नर्सिंग कालेज छोड़कर) 25 से 31 मार्च तक के बंद रहेंगे, हालांकि जहां परीक्षायें चल रही है वहां यह नियम नहीं लागू होगा.
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर तथा शहरों में प्रत्येक वार्ड स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी की तैनाती की जाएगी, जो ग्राम निगरानी समिति के माध्यम से यह सुनिश्चित करेंगे कि बाहर से आने वाले लोग अपनी-अपनी जांच करवायें तथा जांच का परिणाम आने तक अपने घर में ही रहेंगे.
कोविड-19 अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जाएगी
कान्टेक्ट ट्रेसिंग को तीव्र गति से किया जाये तथा जो भी व्यक्ति पॉजिटिव आयें उनके समस्त कान्टेक्ट 48 घंटे के अन्दर चिन्हित करते हुए उनकी जांच करायी जाये. सभी जनपदों में डेडीकेटड हास्पिटल संचालित रहे एवं भविष्य के लिए अन्य अस्पतालों को भी इसके लिए नोटिस देकर तैयार रखा जाये. आवश्यक मानव संसाधन और उपकरणों की व्यवस्था की जाये.
रेलवे स्टेशन, हवाईअड्डो एवं बस स्टेशनों पर सघन कोरोना टेस्टिंग
कोविड हेल्प डेस्क को फिर से सकिय किया जाये. इन्फारेड थर्मामीटर एवं पल्स आक्सीमीटर का उपयोग करते हुए लक्षण युक्त लोगों की पहचान की जाये. जबकि रेलवे स्टेशन, हवाईअड्डो एवं बस स्टेशनों पर यात्रियों की सघन कोरोना टेस्टिंग करायी जाये.
पब्लिक एड्रेस सिस्टम को पुनः शुरू करते हुए लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सावधानी का संदेश दिया जाये तथा आम जनता में कोविड वैक्सीनेशन का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाये. वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने के साथ ही वैक्सीन के वेस्टेज को हर हाल में रोकने का निर्देश दिया गया है.
सार्वजनिक स्थलों पर भीड़-भाड़ काबू में करने के आदेश
सार्वजनिक स्थलों पर भीड़-भाड़ न होने दी जाये और इस हेतु पुलिस द्वारा आवश्यक कदम उठाये जाये. जनपदों में स्थापित इन्टीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर में प्रतिदिन जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्साधिकारी बैठक करें तथा इसमें कोविड की स्थिति की समीक्षा करते हुए आवश्यक एहतियाती कदम उठाना सुनिश्चित किया जाये.
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. प्रदेश में बीते कुछ दिन से 400 से अधिक कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे है.