लखनऊ, 26 अप्रैल : यूपी में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए बनी स्टार्टअप नीति के चलते इसकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. राज्य में अब तक 5600 स्टार्टअप पंजीकृत हो गए हैं. जल्दी ही इनकी संख्या बढ़ाकर दस हजार की जाएगी. क्योंकि कई निवेशकों ने यहां अपना स्टार्टअप स्थापित करने के लिए आवेदन किया है. राज्य में स्टार्टअप की संख्या दस हजार से अधिक करने के लिए प्रदेश के हर जिले में कम से कम एक इनक्यूबेटर की स्थापना करने का फैसला किया गया है. इसके तहत उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा एवं सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग में इनक्यूबेटर की स्थापना किए जाएंगे. प्रदेश में कुल सौ इन्क्यूबेटर स्थापित किए जाएंगे, जिनमें से 47 इनक्यूबेटर स्थापित किए जा चुके हैं.
इसी क्रम में प्रदेश सरकार ने सौ दिनों में दो उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर फॉर एक्सीलेंस) भी स्थापित करने का फैसला किया है. राज्य सरकार का मत है कि इनक्यूबेटर और उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना से जहां प्रदेश में एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं प्रदेश में स्थापित स्टार्टअप देश को स्टार्टअप हब बनाने में अहम भूमिका निभा सकेंगे. औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए बीते दिनों मंत्रिपरिषद के सामने हुए प्रजेंटेशन में नए स्टार्टअप की स्थापना को बढ़ावा देने का फैसला किया गया, ताकि दस लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराने और स्टार्टअप रैंकिंग में यूपी को नंबर एक बनाए जाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके. यह भी पढ़ें: Mumbai Power Outage: मुंबई और ठाणे के कई हिस्सों में बिजली गुल, ट्विटर पर भड़के लोग- टाटा पॉवर ने बताई वजह
आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जल्दी ही राज्य में हर मंडल स्तर और हर जिले में एक इन्क्यूबेटर सेंटर बनाए जाएंगे, कुल एक सौ नए इन्क्यूबेटर सेंटर की स्थापना की जाएगी. इन इन्क्यूबेटर सेंटर के जरिए मैनेजमेंट ट्रेनिंग या अन्य जरूरी सेवाएं देकर नई स्टार्टअप कंपनियों को विकसित करने में मदद मिलेगी. इन इनक्यूबेटर के जरिए करीब राज्य में दस हजार नए स्टार्टअप और स्थापित किए जाएंगे, जिससे 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और एक लाख लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध हो सकेगा. सरकार के ऐसे प्रयास से स्थानीय प्रतिभा को वहीं पर रोजगार के अवसर मुहैया हो सकेंगे. यहीं नहीं इसके लिए स्टार्टअप शुरू करने वालों को पॉलिसी के तहत प्रोत्साहन भी दिए जाएंगे.
अधिकारियों का दावा है कि इच्छुक उद्यमियों को जो प्रोत्साहन सरकार दे रही है, उसके चलते ही 5600 से अधिक स्टार्टअप स्थापित किए जा चुके हैं. इससे करीब पचास हजार से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है. सबसे अधिक 1154 स्टार्टअप नोएडा में स्थापित किए गए हैं. जबकि गाजियाबाद में 533, लखनऊ में 500 और बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्र के जिलों में कुल 1,219 स्टार्टअप्स स्थापित किए जा चुके हैं.
ये स्टार्टअप सूचना प्रौद्योगिकी, सर्विस सेक्टर, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, टेक्सटाइल क्षेत्र में काम कर रहे हैं. अब इसमें और इजाफा होगा क्योंकि जल्द ही राज्य में हर मंडल और हर जिले में इनक्यूबेटर की स्थापना की जाएगी. अभी राज्य के 15 जिलों में ही 47 इनक्यूबेटर स्थापित हैं. राज्य के हर जिले में स्थापित किए जाने वाले इनक्यूबेटर के जरिए प्रबंधन प्रशिक्षण या अन्य जरूरी सेवाएं प्रदान कर नई स्टार्टअप कंपनियों को विकसित करने में मदद मिलेगी. इनके जरिये लोगों को रोजगार भी मिलेगा. इसके साथ ही सरकार ने सौ दिनों में दो उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का फैसला किया है, इनमें से एक ड्रोन उत्कृष्टता केंद्र आईआईटी कानपुर में स्थापित किया जाएगा.
इलेक्ट्रानिक्स विभाग के अधिकारियों के अनुसार, उत्तर प्रदेश देश का स्टार्टअप हब बन रहा है. राज्य की नई स्टार्टअप नीति आने के बाद से यूपी में स्टार्टअप कई गुना बढ़े हैं. वर्तमान में, नई स्टार्टअप नीति यूपी में एक कुशल कारोबारी माहौल को बढ़ावा दे रही है. चिकित्सा और स्वास्थ्य, कृषि, खादी, ऊर्जा, शिक्षा, परिवहन, पर्यटन आदि विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित स्टार्टअप यूपी को नई दिशा दे रहे हैं.