लखनऊ, 14 मई: धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ अयोध्या और मथुरा सहित धार्मिक शहरों के कायाकल्प का उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा को नगर निकाय चुनाव में भरपूर लाभ मिला. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) न केवल अयोध्या और मथुरा-वृंदावन में अपने गढ़ को बनाए रखने में सफल रही, बल्कि यहां मेयर की सीटों पर अपनी जीत के अंतर में भी सुधार किया. यह भी पढ़ें: UP Nikay Chunav 2023 Result: आदित्यनाथ ने यूपी में ‘ट्रिपल इंजन’ सरकार बनाने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया
अयोध्या में, भाजपा के मेयर पद के उम्मीदवार महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने 77,494 मत हासिल कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) के आशीष पांडे को 35,638 मतों से हराया. पांडेय को 41,856 वोट मिले. अयोध्या में सड़क चौड़ीकरण परियोजना के व्यापारियों के विरोध के बावजूद भाजपा उम्मीदवार ने पिछली बार की तुलना में पार्टी के जीत के अंतर को 3,601 वोटों के साथ बढ़ा दिया.
इस साल के प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो बार अयोध्या गए. आदित्यनाथ ने अयोध्या में एक चुनावी रैली में मतदाताओं से कहा था कि, लोकतंत्र के इस उत्सव में अयोध्या में विजयी होने वाला कोई भी राम भक्त एक अच्छा प्रभाव पैदा करेगा.
इसी तरह मथुरा-वृंदावन में बीजेपी प्रत्याशी विनोद कुमार अग्रवाल को 1,45,720 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के राजा मोहतशिम अहमद को 35,191 वोट मिले। अग्रवाल 1,10,529 मतों के अंतर से जीते. 2017 के निकाय चुनावों में मथुरा-वृंदावन की मेयर सीट पर बीजेपी की जीत का अंतर महज 22,108 वोटों का था.
भारतीय जनता पार्टी ने वाराणसी नगर निगम (वीएमसी) सदन में भी बहुमत हासिल किया. इसने न केवल मेयर का चुनाव प्रभावशाली अंतर से जीता, बल्कि सदन में पार्षदों की 100 में से 62 सीटें भी हासिल कीं. विजयी नगरसेवक उम्मीदवारों की वार्डवार सूची के अनुसार, भाजपा उम्मीदवारों ने 62 वाडरें में जीत हासिल की, जबकि 16 निर्दलीयों ने भी बाजी मारी.