उत्तर प्रदेश: सरकारी अधिकारीयों की 30 नवंबर तक सभी छुट्टियां कैंसल, दफ्तर में उपस्थित रहने का निर्देश
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले (Ram Janmabhoomi-Babri Masjid Land Dispute Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अंतिम दिन की सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को अयोध्या मामले में दोनों पक्षों को आज शाम पांच बजे तक बहस खत्म करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि कहा, बहुत हो गया। अयोध्या मामले में दोनों पक्ष आज शाम पांच बजे तक बहस पूरी कर लें. वहीं उत्तर प्रदेश की सरकार ने सरकारी अधिकारीयों की छुट्टियां कैंसल कर दी है. सभी अधिकारीयों को अपने दफ्तरों में 30 नवंबर उपस्थित रहने को कहा गया है. नोटिस में कहा गया है आगामी छुट्टियों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है.
लखनऊ: राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले (Ram Janmabhoomi-Babri Masjid Land Dispute Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अंतिम दिन की सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को अयोध्या मामले में दोनों पक्षों को आज शाम पांच बजे तक बहस खत्म करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि कहा, बहुत हो गया। अयोध्या मामले में दोनों पक्ष आज शाम पांच बजे तक बहस पूरी कर लें. वहीं उत्तर प्रदेश की सरकार ने सरकारी अधिकारीयों की छुट्टियां कैंसल कर दी है. सभी अधिकारीयों को अपने दफ्तरों में 30 नवंबर उपस्थित रहने को कहा गया है. नोटिस में कहा गया है आगामी छुट्टियों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि सुनवाई 17 अक्टूबर को पूरी हो जाएगी. अब इस समय सीमा को एक दिन पहले कर दिया गया है. चीफ जस्टिस का कार्यकाल 17 नवंबर को समाप्त हो रहा है. पीठ ने सुनवाई में हस्तक्षेप की एक पक्षकार की याचिका को भी खारिज कर दिया और कहा कि सुनवाई के इस चरण पर अब किसी हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जाएगी. हिंदू पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने 1961 में सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा दायर मुकदमे के जवाब में अपना अभ्यावेदन आरंभ किया. सुनवाई के दौरान जमकर ड्रामा भी देखने को मिला, इस दौरान वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने अयोध्या से संबंधित एक नक्शा ही फाड़ दिया.
गौरतलब हो कि हिंदू पक्ष मानता है कि भगवान राम का जन्म बाबरी मस्जिद के बीच वाले गुंबद के सामने की जमीन (आंतरिक प्रांगण) में हुआ था. इस मस्जिद को 6 दिसंबर, 1992 को ढहा दिया गया था. विवाद में शामिल मुस्लिम पक्षों का कहना है कि अयोध्या भगवान राम की जन्मस्थली है, लेकिन मस्जिद का आंतरिक प्रांगण उनकी जन्मस्थली नहीं है.