UP: कौमी चौपालों से मुस्लिम विरोधी छवि तोड़ने में जुटेगी भाजपा
आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए मुस्लिम वोटों को रिझाने पर भाजपा जुटी है. विपक्ष द्वारा बनाई गई मुस्लिम विरोधी छवि को हटाने और सबका साथ सबका विकास के स्लोगन को कौमी चौपालों के माध्यम से मजबूत करने में पार्टी का पूरा फोकस है.
लखनऊ, 22 फरवरी : आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए मुस्लिम वोटों को रिझाने पर भाजपा जुटी है. विपक्ष द्वारा बनाई गई मुस्लिम विरोधी छवि को हटाने और सबका साथ सबका विकास के स्लोगन को कौमी चौपालों के माध्यम से मजबूत करने में पार्टी का पूरा फोकस है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी से 75 प्लस सीटें जीतने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए भाजपा ने अल्पसंख्यकों के बीच पसमांदा सम्मेलन के बाद कौमी चौपालों और सूफी सम्मेलन का खाका तैयार किया है. अल्पसंख्यक मोर्चा इस कार्यक्रम को जमीन में उतारने की पूरी तैयारी में जुट गया है.
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के महामंत्री और योगी सरकार के मंत्री दानिश आजाद ने बताया कि मुस्लिमों की तरक्की के लिए भाजपा लगातार काम कर रही है. समय समय पर उनको योजना से अवगत कराने के लिए सरकार प्रयास करती रहती है. इसी क्रम में यह कौमी चौपालें और सूफी सम्मेलन भी आयोजित हो रहे हैं. इन्हें मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा. इसमें केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से और अवगत कराया जाएगा. साथ उनकी तकलीफों को दूर किया जाएगा. यह ग्रामीण चौपाल की तरह ही आयोजित होंगी. यह भी पढ़ें : UP Budget Live Streaming On UP Tak and News18 UP: यहां देखिए यूपी बजट का सीधा प्रसारण, चुनाव से पहले बड़ा तोहफा दे सकती है योगी सरकार
उन्होंने बताया कि भाजपा ने सबका साथ सबका का विकास का सिर्फ नारा नहीं दिया है बल्कि इसे जमीन पर उतार दिया है. सरकार की हर योजना से अल्पसंख्यकों को बहुत फायदा हुआ है. उनके जीवन में खुशहाली आई है. उन्हें हर योजना में बराबर की हिस्सेदारी मिली है. विपक्ष द्वारा मुस्लिमों के बीच में हमारी पार्टी के लिए बनाई गई नकारात्मक तस्वीर भी अब साफ हो गई है. अब मुस्लिम भाई इन लोगों की वोट बैंक की राजनीति को समझ गए हैं.
हालांकि इन चौपालों और सम्मेलन की अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है. मोर्चे की तेजी से तैयारी हो रही है. इनमे पदाधिकारी के साथ एक मुस्लिम संत शामिल होने की संभावना है. इसके साथ लाभार्थियों से संपर्क करेंगे. सबसे बैठकर फीडबैक लिया जाएगा. भाजपा मोर्चा की मानें तो यह चौपालें खासकर रामपुर, बहराइच, सहारनपुर, अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, संभल, बिजनौर, लखनऊ, अलीगढ़, मऊ, बाराबंकी समेत 30 जिलों मुस्लिम इलाकों और दरगाहों में आयोजित होंगी. जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की सहभागिता हो सके.
उधर, सपा प्रवक्ता डॉक्टर आशुतोष वर्मा ने कहा कि भाजपा अपने अंकगणित बचाने के प्रयास में है. जिस तरह के मानसिक प्रताड़ना अल्पसंख्यकों ने भाजपा द्वारा झेली है, वह इसे भूलने वाले नहीं है. अब जब भाजपा को पता है कि उन्हें किसी का साथ मिलने वाला नहीं तो ऐसे आयोजन करके महज एक कोरम पूरा कर रही है. हांथी के दांत दिखाने कुछ और खाने कुछ और यह नहीं चलेगा. राजनीतिक विश्लेषक अमोदकांत मिश्रा कहते हैं कि यूपी में तकरीबन 20 फीसद मुस्लिम हैं. कुछ सीटों पर तो यही हार जीत तय करता है. भाजपा इस बात को जानती है. इसीलिए इनके बीच राष्ट्रीय कार्यकारिणी में फैसले के बाद तेजी से काम करना शुरू किया है.
राजनीतिक दलों के आंकड़ों की मानें तो प्रदेश में करीब 20 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं और सूबे की कुल 143 सीटों पर मुस्लिम अपना असर रखते हैं. इनमें से 70 सीटों पर मुस्लिम आबादी 20-30 फीसदी के बीच है जबकि 73 सीटें ऐसी हैं जहां मुसलमान 30 प्रतिशत से ज्यादा हैं. प्रदेश में करीब तीन दर्जन ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव जीतते रहे हैं और करीब 107 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम मतदाता चुनावी नतीजों को हमेशा प्रभावित करते हैं.