Coal Crisis: कोयले की कमी की वजह से जारी बिजली संकट को लेकर देश का राजनीतिक माहौल गरमा गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखकर कोयले की कमी की वजह से राजधानी दिल्ली में बिजली संकट पैदा होने की जानकारी देते हुए कोयले की कमी को दूर करने की मांग की. अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को लिखे गए पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने कहा कि उन्हें पता चला है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस तरह का एक पत्र लिखा है और वह विस्तृत जानकारी लेने के बाद ही इस पर बयान देंगे. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसे एनटीपीसी देखता है.
कोयले की कमी के संकट को स्वीकार करते हुए केंद्रीय मंत्री ने माना कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत अचानक बहुत तेजी से बढ़ी है, जिसकी वजह से कोयला आयात में कमी आई है. भारी बारिश ने भी इस समस्या को बढ़ा दिया है, जिस वजह से घरेलू कोयला उत्पादन पर दबाव काफी बढ़ गया है. मीडिया से बात करते हुए कोयला मंत्री ने यह दावा भी किया कि इन विपरीत हालात के बावजूद अक्टूबर महीने में सबसे ज्यादा कोयले का उत्पादन हुआ है और अगले 3-4 दिनों में हालात सामान्य हो जाएंगे. यह भी पढ़े: दिल्लीवासियों को करना पड़ सकता है बिजली संकट का सामना, सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
ऊर्जा क्षेत्र के एक जानकर के मुताबिक जैसे-जैसे कोरोना का खतरा कम होता जा रहा है, वैसे-वैसे औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने के कारण बिजली की मांग तेजी से बढ़ी है। बिजली की डिमांड सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में बढ़ रही है, जिसकी वजह से कोयले की डिमांड भी लगातार बढ़ती जा रही है। कोयले की डिमांड में बेतहाशा बढ़ोतरी की वजह से इसकी कीमत भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेजी से बढ़ी है, जिसकी वजह से भारत के लिए आयातित कोयला काफी महंगा पड़ रहा है.
अगर जल्द ही कोयले की कमी के इस संकट पर काबू नहीं पाया गया तो दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में अंधेरा छा जाएगा.