Vigyan Dhara Scheme: केंद्रीय कैबिनेट ने 'विज्ञान धारा योजना' को दी मंजूरी, जानें इसके बारे में सबकुछ
Narendra Modi (img: TW)

Vigyan Dhara Scheme: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की तीन प्रमुख योजनाओं को जारी रखने की मंजूरी दे दी है, जिन्हें एकीकृत केंद्रीय क्षेत्र योजना 'विज्ञान धारा' में मिला दिया गया है. इस योजना के तीन व्यापक घटक हैं. इनमें पहला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थागत एवं मानव क्षमता निर्माण, दूसरा अनुसंधान एवं विकास व नवाचार और तीसरा प्रौद्योगिकी विकास व परिनियोजन है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 15वें वित्त आयोग की 2021-22 से 2025-26 की अवधि के दौरान विज्ञान धारा के लिए प्रस्तावित परिव्यय 10,579 करोड़ रुपये है.

''योजनाओं को एक ही योजना में विलय करने से निधि उपयोग में दक्षता बढ़ेगी और उप-योजनाओं व कार्यक्रमों के बीच समन्वय स्थापित होगा.

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'विज्ञान धारा' योजना का प्राथमिक उद्देश्य देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षमता निर्माण के साथ-साथ अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देना है. इस योजना के कार्यान्वयन से शैक्षणिक संस्थानों में अच्छी तरह से सुसज्जित अनुसंधान और विकास प्रयोगशालाओं को बढ़ावा देकर देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा.

यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिदृश्य को मजबूत करने और पूर्णकालिक समकक्ष (FTE) शोधकर्ताओं की संख्या में सुधार की दिशा में देश के R&D आधार का विस्तार करने के लिए महत्वपूर्ण मानव संसाधन पूल के निर्माण में भी योगदान देगा. विज्ञान और प्रौद्योगिकी (S&T) के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए केंद्रित हस्तक्षेप किए जाएंगे, जिसका अंतिम लक्ष्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (STI) में लैंगिक समानता लाना है. यह योजना स्कूल स्तर से लेकर उच्च शिक्षा तक सभी स्तरों पर नवाचारों को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार के प्रयासों को सुदृढ़ करेगी. इसमें उद्योगों और स्टार्टअप्स को भी लक्ष्य बनाया गया है. इसके जरिए शिक्षाविदों, सरकार और उद्योगों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण समर्थन दिया जाएगा.

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'विज्ञान धारा' योजना के तहत प्रस्तावित सभी कार्यक्रम 2047 के विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के 5 वर्षीय लक्ष्यों के अनुरूप होंगे. योजना के अनुसंधान और विकास घटक को अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) के अनुरूप बनाया जाएगा. योजना का कार्यान्वयन राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप वैश्विक रूप से प्रचलित मानदंडों का पालन करते हुए किया जाएगा.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी गतिविधियों के आयोजन, समन्वय और संवर्धन के लिए नोडल विभाग के रूप में कार्य करता है। देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (STI) को बढ़ावा देने के लिए डीएसटी द्वारा तीन केंद्रीय क्षेत्र की छत्र योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है.