जौनपुर: फिल्म अभिनेत्री, पूर्व सांसद व समाजसेवी शबाना आजमी ने यहां सोमवार को कहा कि तीन तलाक का नियम मुस्लिम महिलाओं का शोषण करने के लिए बनाया गया था और ये हमारे संविधान के खिलाफ है. ऐसे में सरकार ने जो कानून बनाया है, उसका स्वागत किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में 50 से ज्यादा इस्लामिक देशों में से 24 इस्लामिक देशों में तीन तलाक को अपने संविधान से निकालकर बाहर फेंक दिया है.
शबाना आजमी ने कहा, "भारत सेक्युलर देश है और संविधान ने यहां सबको अधिकार दिया है. तीन तलाक बीते कई दशकों से मुस्लिम महिलाओं का शोषण करता चला आ रहा था और जो कानून महिलाओं का शोषण करे, उसे हम लोग हरगिज बर्दाश्त नहीं कर सकते."
मोहम्मद हसन डिग्री कॉलेज में पत्रकारों से बातचीत के दौरान शबाना आजमी ने दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि निर्भया कांड के बाद जस्टिस वर्मा ने जो रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी, उसमें सख्त कानून के साथ-साथ समाज को जागरूक करने की बात कही गई थी. इसके बाद देश की संसद ने कानून में बदलाव कर उसे सख्त बनाया था. बावजूद इसके आज जिस तरह से देश में दुष्कर्म की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं वो चिंता का विषय है.
उन्होंने कहा, "ऐसे में हम सबको मिलकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है और सरकार को भी चाहिए कि जो भी ऐसे घृणित कार्य में दोषी पाया जाता है उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलाए, जिससे समाज को संदेश मिल सके."
अभिनेत्री ने कहा कि अक्सर यह देखने में आता है कि लोग घटना के बाद कानून के लचीलेपन की वजह से छूट जाते हैं, इसलिए ऐसे लोगों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.
उन्होंने महिला सशक्तीकरण का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार आज महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं लागू कर रही हैं. जरूरत है उसको जमीन पर लागू करने की, जिससे कि महिलाएं अपने हक को जान सकें.