चेन्नई: भारतीय रेलवे की 30 साल पुरानी शताब्दी एक्सप्रेस का स्थान लेने वाली ‘ट्रेन 18’ आज पटरी पर परीक्षण के लिए उतरेगी. ट्रेन के बारे में कहा जा रहा है कि इसका ट्रायल तीन से चार दिन तक चलेगा. यह देश की पहली ‘इंजन-रहित’ ट्रेन होगी. यह ट्रेन ‘सेल्फ प्रपल्शन मॉड्यूल’ पर 160 किलोमीटर प्रति किलोमीटर की रफ्तार तक चल सकती है. इसकी तकनीकी विशिष्टताओं के चलते इसकी गति सामान्य ट्रेन से अधिक होगी.कुल 16 कोच वाली यह ट्रेन सामान्य शताब्दी ट्रेन के मुकाबले कम वक्त लेगी. इस ट्रेन को शहर में स्थित इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) द्वारा 18 महीने में विकसित किया गया है.
आईसीएफ के महाप्रबंधक सुधांशु मणि ने पीटीआई भाषा को बताया कि इसकी प्रतिकृति बनाने में 100 करोड़ रूपये की लागत आयी और बाद में इसके उत्पादन की लागत कम हो जायेगी. उन्होंने बताया कि इसका अनावरण 29 अक्टूबर को किया जायेगा. इसके बाद तीन या चार दिन फैक्ट्री के बाहर इसका परीक्षण किया जायेगा और बाद में इसे रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) को को आगे के परीक्षण के लिए सौंप दिया जायेगा. यह भी पढ़े: ट्रेन में सफर दौरान अगर बिगड़ी तबियत, तो ऐसे तुरंत पा सकते है मेडिकल हेल्प
इस ट्रेन के मध्य में दो एक्जिक्यूटिव कंपार्टमेंट होंगे। प्रत्येक में 52 सीट होंगी। वहीं सामान्य कोच में 78 सीटें होंगी. शताब्दी की गति 130 किलोमीटर प्रति घंटे है जबकि यह 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक चल सकेगी। यदि ‘ट्रेन18’ की गति के मुताबिक पटरी बना ली जाये तो यह शताब्दी एक्सप्रेस के मुकाबले 15 प्रतिशत कम समय लेगी. ‘ट्रेन18’ में जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली के अलावा अलहदा तरह की लाइट, आटोमेटिक दरवाजे और सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे.