पैंगोंग सो क्षेत्र में सैनिकों, बख्तरबंद वाहनों के पीछे हटने प्रक्रिया जारी है: सूत्र

पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो (झील) इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए चीन के साथ समझौते के बाद बीजिंग और भारत की सेनाएं इस इलाके में सैनिकों की संख्या को लगातार कम कर रही हैं और बख्तरबंद वाहनों को पीछे ले जा रही हैं.

भारत और चीन के सैनिक (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 13 फरवरी : पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो (झील)(Pangog So) इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए चीन के साथ समझौते के बाद बीजिंग और भारत (Beijing and India) की सेनाएं इस इलाके में सैनिकों की संख्या को लगातार कम कर रही हैं और बख्तरबंद वाहनों को पीछे ले जा रही हैं. सेना के सूत्रों ने शुक्रवार को यह बात कही. उन्होंने बताया कि पैंगोंग सो के दक्षिण तट पर टकराव के बिंदु से युद्धक टैंक और बख्तरबंद वाहनों को हटाया जा रहा है जबकि उत्तरी तट के क्षेत्रों से जवानों को वापस बुलाया जा रहा है. सूत्रों ने यह भी बताया कि बख्तरबंद वाहनों की वापसी का काम लगभग पूरा हो गया है और दोनों पक्षों द्वारा बनाए गए अस्थायी ढांचों को अगले कुछ दिन में गिराया जाएगा. इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘‘पीछे हटने की प्रक्रिया में वक्त लगेगा क्योंकि दोनों ही पक्ष सैनिकों और सैन्य वाहनों को वापस बुलाने की सत्यापन प्रक्रिया एक साथ कर रहे हैं.’’ सूत्रों ने बताया कि जवानों और बख्तरबंद वाहनों की वापसी केवल टकराव के बिंदु वाले स्थानों से ही हो रही है जहां दोनों ओर के जवान बिलकुल आमने-सामने थे.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने बृहस्पतिवार को बताया था कि चीन के साथ पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों पर सेनाओं के पीछे हटने का समझौता हो गया है और भारत ने इस बातचीत में कुछ भी खोया नहीं है. सिंह ने बताया कि पैंगोंग झील क्षेत्र में चीन के साथ सेनाओं के पीछे हटने का जो समझौता हुआ है, उसके अनुसार दोनों पक्ष अग्रिम तैनाती चरणबद्ध तरीके से हटाएंगे . सीमा पर नौ महीने तक गतिरोध जारी रहने के बाद यह सफलता मिली है. सिंह ने कहा, ‘‘चीन अपनी सेना की टुकडि़यों को उत्तरी किनारे में फिंगर आठ के पूर्व की की तरफ रखेगा. इसी तरह भारत भी अपनी सेना की टुकडि़यों को फिंगर तीन के पास अपने स्थायी ठिकाने धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा.’’ उन्होंने कहा कि इसी तरह की कार्रवाई दक्षिणी किनारे वाले क्षेत्र में भी दोनों पक्षों द्वारा की जाएगी. यह भी पढ़ें : रक्षा मामलों की संसदीय समिति ने पैंगोंग झील, गलवान घाटी जाने का फैसला किया

ज्ञात हो कि चीनी सेना ने फिंगर-4 और फिंगर-8 के बीच के क्षेत्रों में बंकरों समेत कई विभिन्न निर्माण कार्यों का अंजाम दिया था और फिंगर-4 से आगे भारतीय सेना की गश्त बाधित कर दी थी. भारतीय सेना ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त की. चीन के साथ नौ दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-4 से फिंगर-8 के बीच चीनी सेनाओं को हटाए जाने पर जोर दिया. सिंह ने कहा, ‘‘ इस बात पर भी सहमति हो गई है कि पैंगोंग झील से पूर्ण तरीके से सेनाओं के पीछे हटने के 48 घंटे के अंदर वरिष्ठ कमांडर स्तर की बातचीत हो तथा बाकी बचे हुए मुद्दों पर भी हल निकाला जाए.’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि समझौते पर बुधवार से अमल शुरू कर दिया गया. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि अन्य लंबित ‘समस्याओं’ को अगली वार्ताओं में उठाया जाएगा.

Share Now

\