The Kerala Story: सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने ममता के 'द केरला स्टोरी' पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को बताया गलत

उन्होंने कहा, "मैंने वास्तविक समय के साक्षात्कारों और सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से जो देखा है, वह यह है कि केरल कठिन समय से गुजर रहा है. मैं उस राज्य के लोगों से, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, आतंकवादी संगठनों द्वारा मासूम लड़कियों के इस्तेमाल के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह करता हूं."

Himanta Biswa Sarma, The Kerala Story (Photo Credit: IANS)

गुवाहाटी: असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने गुरुवार को सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के पश्चिम बंगाल (West Bengal) में 'द केरला स्टोरी' (The Kerala Story) पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को गलत बताया. सीएम सरमा ने अपने कैबिनेट सहयोगियों और पार्टी नेताओं के साथ गुवाहाटी में फिल्म (Film) देखी. फिल्म देखने के बाद सिनेमा के बाहर पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएम सरमा ने कहा, "पश्चिम बंगाल में जो हो रहा है, उस पर मैं टिप्पणी नहीं कर सकता. लेकिन मुझे कहना होगा कि इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने से इसका उद्देश्य पूरा नहीं होगा."

फिल्म किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है, यह आतंकवाद के खिलाफ है. 'द केरला स्टोरी' एक आतंकवादी संगठन की साजिश के बारे में बताती है, और यहां तक कि मासूम मुस्लिम लड़कियां भी उनके जाल में फंस सकती हैं. Maharashtra Political Row: सुप्रीम कोर्ट के फैसले का देवेंद्र फडणवीस ने किया स्वागत, कहा- MVA के मंसूबों पर फिरा पानी

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जिसने भी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, यह गलत फैसला है. उन्होंने इस धारणा के साथ स्टैंड लिया है कि फिल्म मुसलमानों के खिलाफ है. हालांकि, इसमें आईएस जैसे आतंकी संगठनों की क्रूर साजिश को दिखाया गया है. 'द केरला स्टोरी' किसी समुदाय या धर्म के खिलाफ नहीं है."

असम के मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि जो लोग इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की वकालत कर रहे हैं, उन्हें पहले 'द केरला स्टोरी' देखनी चाहिए और फिर कोई फैसला लेना चाहिए. सरमा ने 'द केरला स्टोरी' के निर्माताओं को भी बधाई दी और कहा कि यह फिल्म बच्चों को आतंकवाद और धर्मातरण के जाल में नहीं फंसने के लिए मार्गदर्शन करेगी.

उन्होंने कहा कि इस फिल्म को देखने से लोग स्वस्थ सामाजिक जीवन जीने के लिए शिक्षित होंगे। 'द केरला स्टोरी' एक मासूम महिला की सच्ची कहानी को दर्शाती है, जिसका उपयोग विघटित संगठनों द्वारा किया गया है.

उन्होंने कहा, "मैंने वास्तविक समय के साक्षात्कारों और सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से जो देखा है, वह यह है कि केरल कठिन समय से गुजर रहा है. मैं उस राज्य के लोगों से, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, आतंकवादी संगठनों द्वारा मासूम लड़कियों के इस्तेमाल के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह करता हूं."

उन्होंने कहा कि इस फिल्म ने दुनियाभर में आतंकवादी संगठनों की साजिश का पर्दाफाश किया और दिखाया कि जिहाद और धर्म के नाम पर आतंकवादी शिविरों के अंदर क्या चल रहा है.

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