रुद्रप्रयाग, 6 नवंबर : पिछले साल केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित किया गया था. मुंबई के एक व्यापारी ने 23 किलो सोना मंदिर समिति को दान किया था. इसके बाद केदारनाथ मंदिर की छत और दीवारों पर 550 सोने की प्लेटें मढ़ी गई थीं. गोल्ड प्लेटिंग का काम एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग) के दो अफसरों की निगरानी में हुआ था. काम पूरा होने के कुछ समय बाद चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने दान में मिले 23.78 किलो सोने के चोरी होने का आरोप लगा दिया.
एक बार फिर ये मामला दुबारा सुर्खियों में आ रहा है. जिसे उठाया है खानपुर के विधायक उमेश कुमार ने. खानपुर विधायक उमेश कुमार ने कहा है, "केदारनाथ जी में जो सोना लगा था, उसका सच ये है. वो पीतल की दीवारें, जिनका सोना अब उतरने लगा है. माफ़ी चाहूंगा मुझे ये सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए थे. लेकिन, जब हमारे आदरणीय बागेश्वर धाम वाले बाबा गर्भगृह की तस्वीरें अपने पेज से पूरे दुनिया को दिखाकर बाबा केदार की मर्यादा को भंग कर सकते है. तो, मैं बाबा के साथ किया धोखा क्यों नहीं दुनिया को दिखा सकता? जिसको मुझ पर एफआईआर करनी हो वो स्वतंत्र है. तस्वीरें ज़ूम करके देखियेगा और अपनी राय दीजियेगा."
दरअसल, हाल ही में बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेन्द्र शास्त्री देहरादून आए थे. वहां उनका दरबार लगा और उसके बाद वो केदारनाथ धाम आए, जहां उन्होंने बाबा केदारनाथ के दर्शन और पूजन किया. उसके बाद केदारनाथ के गर्भगृह से धीरेन्द्र शास्त्री की फोटो वायरल हो गई. जबकि, नियम ये है कि गर्भगृह की फोटो सोशल मीडिया पर डालना अपराध है. अब लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर बाबाओं के लिए ऐसी छूट क्यों? जिसके बाद विधायक उमेश कुमार ने कहा है कि बागेश्वर धाम वाले बाबा गर्भ गृह की तस्वीरें अपने पेज से पूरे दुनिया को दिखाकर बाबा केदार की मर्यादा को भंग कर सकते हैं तो, मैं बाबा के साथ किया धोखा क्यों नहीं दुनिया को दिखा सकता?