लखनऊ, 19 सितंबर : महाराष्ट्र के पुणे में मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली एक युवती के आत्महत्या के मामले को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि सरकार जिस दिन अपने को दोषी मानकर बदलाव लाएगी, उस दिन परिवर्तन दिखाई देंगे.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, '''वर्क-लाइफ बैलेंस' का संतुलित अनुपात किसी भी देश के विकास का एक मानक होता है. पुणे में एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी में काम करनेवाली एक युवती की काम के तनाव से हुई मृत्यु और उस संदर्भ में उसकी मां का लिखा हुआ भावुक पत्र देश भर के युवक-युवतियों को झकझोर गया है. ये किसी एक कंपनी या सरकार के किसी एक विभाग की बात नहीं बल्कि कहीं थोड़े ज्यादा, कहीं थोड़े कम, हर जगह लगभग एक-से ही प्रतिकूल हालात हैं." यह भी पढ़ें : हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के लिए चुनौती बने ‘असंतुष्ट नेता’
उन्होंने आगे कहा, "देश की सरकार से लेकर कॉरपोरेट जगत तक को इस पत्र को एक चेतावनी और सलाह के रूप में लेना चाहिए. यदि काम की दशाएं और परिस्थितियां ही अनुकूल नहीं होंगी तो परफॉरमेंस और रिज़ल्ट्स कैसे अनुकूल होंगे. इस संदर्भ में नियम-क़ानून से अधिक आर्थिक हालातों को सुधारने की जरूरत है. सच तो ये है कि जिस प्रकार बेरोजगारी है और काम व कारोबार सरकार की गलत नीतियों और बेतहाशा टैक्स की वजह से मंदी और घटती मांग का शिकार हुआ है, उससे व्यापारिक घाटे की ओर बढ़ते कारोबार पर कम-से-कम एम्प्लॉयीज से अधिक-से-अधिक काम करवाए जाने का जबरदस्त दबाव है. ऊपर-से-लेकर नीचे तक हर एम्प्लॉयी एक-दूसरे के दबाव में हैं. बड़े संदर्भों में देखा जाए तो दरअसल इस दबाव-तनाव का मूल कारण आर्थिक नीतियों की नाकामी है."
अखिलेश यादव कहा, ''सरकार जिस दिन अपने को दोषी मानकर बदलाव लाएगी, सकारात्मक आर्थिक नीतियां बनाएगी, टैक्स सिस्टम और रेट को शोषणकारी न बनाकर लॉजिकल बनाएगी, वर्किंग कंडीशन्स को टेंशन फ़्री बनाएगी, उस दिन से सरकारी कर्मचारियों से लेकर काम-कारोबार-कॉरपोरेट जगत के एम्प्लॉयीज तक के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देने लगेंगे. जब देश की मेंटल हेल्थ अच्छी होगी तभी तरक्की होगी. सरकार को इस संदर्भ में सबसे पहले अपनी सोच बदलनी होगी और काम करने के तरीकों को भी, जहां ज़्यादा-से-ज़्यादा घंटे काम करने का दिखावटी पैमाना नहीं बल्कि अंत में परिणाम क्या निकला, ये आधार होना चाहिए."
बता दें कि महाराष्ट्र के पुणे में जानी मानी कंपनी अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) में काम करने वाली युवती की मौत हो गई थी. वह कंपनी में चार्टर्ड अकाउंटेंट थी. युवती की मां ने अत्यधिक काम के दबाव को मौत का कारण बताया. यह जानकारी उनके द्वारा कंपनी को लिखे पत्र से सामने आई है. पत्र सामने आने के बाद लोग कंपनी के खतरनाक कार्य संस्कृति पर बहस कर रहे हैं.