तेलंगाना: पुलिस ने हैदराबाद के बाहरी इलाके नगराम गांव में संचालित एक वृद्धाश्रम से 73 बुजुर्ग नागरिकों को बचाया. यह मामला सामने तब आया जब, वृद्धाश्रम के कुछ लोग वहां से भागने में कामयाब हो गए और स्थानीय कानून प्रवर्तन से संपर्क किया. शुक्रवार 24 जनवरी को किसरा पुलिस (Keesara Police) में इस संबंध में एक मामला दर्ज किया गया था. ख़बरों के अनुसार ममता वृद्धाश्रम के आयोजक नगरम गांव (Nagaram village) के दो घरों में आश्रय गृह को चला रहे थे. जबकि ममता वृद्धाश्रम पहले से ही सरकार के साथ एक गैर सरकारी संगठन के रूप में रजिस्टर्ड है, उनके पास वरिष्ठ नागरिकों के लिए आश्रय गृह संचालित करने का कोई परमिशन नहीं था.
एक रिपोर्ट के अनुसार इस आश्रय गृह के वृद्धों को आयोजकों द्वारा बंद कमरों में कथित तौर पर जंजीर में बांधकर और कैद करके रखा गया था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि बचाए गए बुजुर्ग पुरुषों और महिलाओं को उचित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना पुलिस की पहली प्राथमिकता है. पुलिस ने बताया कि वृद्धाश्रम में कैद कुछ लोगों के वहां से भागने के बाद ये मामला उजागर हुआ और 73 वरिष्ठ नागरिकों को आश्रय गृह से बचाया गया.
देखें ट्वीट:
Telangana: Police says, "Case of cheating registered against the management of the old age home after a complaint was received that Psychiatric patients&mentally disturbed persons are being confined in a house with chains & being treated inhumanly. Investigation underway."(23.01) https://t.co/2UD2rz3r2i
— ANI (@ANI) January 25, 2020
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रिपोर्ट्स से पता चलता है कि ममता वृद्धाश्रम के आयोजकों ने खुद को बुजुर्गों के लिए आश्रय के रूप में विज्ञापित किया और प्रत्येक वृद्धों के परिवारों से प्रति माह 10,000 रूपये का शुल्क लिया. मनोवैज्ञानिक मुद्दों और मानसिक चुनौतियों से निपटने के लिए यहां कई लोगों ने नौकरी का आवेदन दिया था. ताजा ख़बरों के अनुसार शहर की पुलिस बुजुर्गों को उनके परिवारों के पास भेजने की प्रक्रिया में है. नगराम गांव के घर में चल रहे वृद्धाश्रम को फिलहाल सील कर दिया गया है, पुलिस आगे की जांच में जुटी हुई है.