TCS की नई पॉलिसी से कर्मचारियों पर बढ़ा दबाव;अब हर साल करना होगा 225 दिन का बिलेबल काम, बेंच टाइम केवल 35 दिन
Tata Consultancy Services | Wikimedia Commons

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अपनी नई असोसिएट डिप्लॉयमेंट पॉलिसी लागू कर दी है, जिसके अनुसार अब कर्मचारियों को हर साल कम से कम 225 बिलेबल (client-assigned) कामकाजी दिन पूरे करने होंगे. यह पॉलिसी 12 जून 2025 से प्रभावी हो चुकी है और इसका उद्देश्य कंपनी की कार्य क्षमता को बढ़ाना और परियोजनाओं की त्वरित डिप्लॉयमेंट सुनिश्चित करना है. TCS ने अपने कर्मचारियों को अब केवल 35 दिन तक ही ‘बेंच’ पर बैठने की अनुमति दी है.

यानी अगर आप किसी प्रोजेक्ट पर असाइन नहीं हैं, तो आपको अधिकतम 35 दिन का समय मिलेगा. इसके बाद अगर आप डिप्लॉय नहीं होते हैं, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं जैसे: वेतन में कटौती, प्रमोशन पर असर, विदेश जाने के अवसरों में कमी, यहां तक कि नौकरी पर भी खतरा.

बेंच पर रहने पर करना होगा अपस्किलिंग

जो कर्मचारी अस्थायी रूप से किसी प्रोजेक्ट में नहीं लगे हैं, उन्हें हर दिन 4 से 6 घंटे तक अपस्किलिंग (नए कौशल सीखना) करना होगा. इसके लिए कंपनी ने iEvolve, Fresco Play, VLS और LinkedIn जैसे प्लेटफॉर्म्स उपलब्ध कराए हैं. इसके अलावा, कर्मचारियों को अपने बिज़नेस यूनिट्स से संपर्क कर नए असाइनमेंट के लिए सक्रिय रहना होगा.

ऑफिस से काम करना होगा जरूरी

TCS ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्क फ्रॉम ऑफिस अब अनिवार्य होगा ताकि त्वरित प्रोजेक्ट डिप्लॉयमेंट सुनिश्चित किया जा सके. घर से काम या लचीले समय की अनुमति अब सिर्फ विशेष परिस्थितियों में ही दी जाएगी.

बार-बार प्रोजेक्ट बदलना अब नहीं चलेगा

बार-बार प्रोजेक्ट बदलने या छोटे-छोटे असाइनमेंट लेने की आदत पर अब HR की सख्त नजर रहेगी. इस तरह के व्यवहार को निगरानी में रखा जाएगा और बार-बार ऐसा करने वालों को चेतावनी या कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

फ्रेशर्स पर भी कड़ी निगरानी

TCS की नई नीति के अनुसार, अब फ्रेशर्स को जॉइनिंग के पहले दिन से ही प्रोजेक्ट में लगाया जाएगा. साथ ही उनके प्रदर्शन और स्किल फिट का समय-समय पर मूल्यांकन किया जाएगा, जिससे यह तय हो सके कि वे अपनी भूमिका के लिए उपयुक्त हैं या नहीं.