भारत के कहने पर यूरोपीय संघ के 8 देशों और स्विट्जरलैंड ने Covishield को दी मान्यता, अब भारतीयों को जाने में नहीं होगी दिक्कत

यूरोपीय संघ के आठ देशों और स्विट्जरलैंड ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन को मान्यता दे दी है. न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने बताया कि ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवेनिया, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड, एस्टोनिया और स्पेन ने कोविशील्ड को स्वीकार करने की पुष्टि की है

कोविशील्ड (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: यूरोपीय संघ के आठ देशों और स्विट्जरलैंड ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन को मान्यता दे दी है. न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने बताया कि ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवेनिया, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड, एस्टोनिया और स्पेन ने कोविशील्ड को स्वीकार करने की पुष्टि की है, जबकि स्विट्ज़रलैंड भी कोविशील्ड लगवा चुके भारतीयों को अपने देश में प्रवेश की अनुमति देगा. यानी अब भारतीयों को यूरोप के इन देशों और स्विट्जरलैंड के सभी शेंगेन राज्य (Schengen State) की यात्रा करने की अनुमति पाने में परेशानी नहीं होगी. भारत ने ईयू के सदस्य देशों से कोविशील्ड, कोवैक्सीन को ग्रीन पास योजना में शामिल करने को कहा

भारत ने यूरोपीय संघ (ईयू) के 27 सदस्य राष्ट्रों से अनुरोध किया था कि कोविशील्ड तथा कोवैक्सीन के टीके लगवा चुके भारतीयों को यूरोप की यात्रा करने की अनुमति देने पर वे अलग-अलग विचार करें. भारत ने ईयू से अनुरोध किया है कि कोविन पोर्टल के माध्यम से जारी टीकाकरण प्रमाणपत्र को स्वीकार किया जाए.

ईयू के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के पास कोविशील्ड जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अधिकृत टीकों को स्वीकार करने का विकल्प होगा. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि, जोसफ बोरेल फोंटेलेस के साथ बैठक के दौरान कोविशील्ड को ईयू के डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र योजना में शामिल करने का मुद्दा उठाया था. इटली में जी20 की शिखरवार्ता से इतर यह बैठक हुई थी.

दरअसल, भारत में आशंका रही है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगवाने वाले लोग यूरोपीय संघ की ‘ग्रीन पास’ योजना के तहत उसके सदस्य देशों की यात्रा के लिए पात्र नहीं होंगे. यूरोपीय संघ की डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र योजना या ‘ग्रीन पास’ योजना गुरुवार से प्रभाव में आ गई, जिसके तहत कोविड-19 महामारी के दौरान स्वतंत्र आवाजाही की अनुमति होगी. इस रूपरेखा के तहत उन लोगों को ईयू के अंदर यात्रा पाबंदियों से छूट होगी जिन्होंने यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी (ईएमए) द्वारा अधिकृत टीके लगवाये हैं. अलग-अलग सदस्य राष्ट्रों को उन टीकों को स्वीकार करने की भी स्वतंत्रता है जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर या विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अधिकृत किया गया है.

कोविशील्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सजेवरिया वैक्सीन का भारतीय निर्मित संस्करण है, जिसे यूरोपीय संघ में अधिकृत किया गया है. कोविशील्ड का निर्माण भारत में दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने वाले सीरम संस्थान द्वारा किया जाता है. सीरम के सीईओ अदार पूनावाला ने सोमवार को कहा कि उनकी कंपनी जल्द ही इस मामले को हल करने की उम्मीद कर रही है. उन्होंने इस तथ्य का जिक्र करते हुए यह बात कही कि कोविशील्ड को अभी तक यूरोपीय संघ में अधिकृत नहीं किया गया है.

हाल ही में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने इस संबंध में एक ट्वीट करते हुए कहा, मुझे इस बात का एहसास है कि बहुत सारे भारतीयों ने कोविशील्ड लिया है, उन्हें यूरोपीय संघ की यात्रा के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं, मैंने इस मामले को हाई-लेवल पर उठाया है और उम्मीद है कि इस मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा, दोनों नियामकों के साथ और राजनयिक स्तर पर हमारी बातचीत जारी है.

भारत ने अब तक उपलब्ध तीन वैक्सीन में से सबसे अधिक कोविशील्ड वैक्सीन ही दी जा रही है. अब तक देश में दी गई कुल 33.57 वैक्सीन में से अकेले कोविशील्ड वैक्सीन ही 28 करोड़ से अधिक लोगों को दी जा चुकी है.

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