देश स्तरीय स्वच्छता सर्वेक्षण 2018: दिल्ली के 2 नगर निगमों की रैंकिंग सुधरी, 2 अब भी कोसो दूर

नॉर्थ एमसीडी की रैंकिंग तो ठीक हुई है, लेकिन इसके बावजूद उसकी रैंकिंग इतने पीछे है जिसे सुधारने के लिए उसे कड़ी मेहनत करनी होगी. वहीं ईस्ट एमसीडी ने साल 2017 की रैंकिंग से भी खराब प्रदर्शन किया है , जो कि उसके काम करने के तरीके पर गंभीर सवाल खड़े करता है.

राजधानी दिल्ली के 2 नगर निगमों की रैंकिंग सुधरी (Photo credit: istockphoto.com/Kuvona)

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के लिए स्वच्छता को लेकर कही अच्छी तो कही मायूस करने वाली खबर सामने आयी है.स्वच्छता को लेकर पुरे देश में अभियान प्रधानमंत्री ने चलाया है बावजूद इसके दिल्ली नगर निगम में बीजेपी सत्ता पर काबिज है फिर भी सफाई का ग्राफ कुछ खास नहीं रहा है. इसी कड़ी में बताना चाहते है कि स्वच्छ सर्वे 2018 में दिल्ली के नगर निगमों में से एनडीएमसी और साउथ एमसीडी की रैंकिंग सुधरी है तो वहीं नॉर्थ और ईस्ट एमसीडी टॉप 100 तो छोड़िए टॉप 200 में भी जगह बनाने में नाकामयाब रहे हैं. एनडीएमसी की बात करें तो 2017 की रैंकिंग में उसे 7वां स्थान मिला था जो 3 कदम ऊपर की छलांग के साथ 4 पर पहुंच गया.

जानकारी के अनुसार कुल 4203 शहरों को इस सर्वे में शामिल किया गया था. जिसमें 52 शहरों के नाम की घोषणा केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी पहले ही कर चुके थे. इस सर्वेक्षण में चंडीगढ़ स्वच्छ शहर के रूप में देशभर में तीसरे स्थान पर चुना गया है. इसके अलावा इंदौर व भोपाल को सफाई के मामले में क्रमश: पहला व दूसरा स्थान हासिल हुआ.

शनिवार को जारी रैंकिंग में एनडीएमसी को साफ सफाई के मामले में देशभर मे चौथा स्थान मिला, जबकि बीते साल 202 रैंकिंग वाली साउथ एमसीडी ने बड़ी छलांग लगाते हुए टॉप 50 में अपनी जगह बनाई और देशभर में 32वां रैंक हासिल किया है.

2018 के सर्वे में भले ही साउथ एमसीडी ने अपनी रैंकिंग सुधारी है, लेकिन दिल्ली की बाकी दोनों एमसीडी नॉर्थ और ईस्ट एमसीडी काफी ज्यादा पीछे हैं. हालांकि नॉर्थ एमसीडी ने इस साल बेहतर रैंकिंग हासिल की है. नॉर्थ एमसीडी को इस साल 206 रैंकिंग हासिल हुई है. हालांकि पिछले साल यानी 2017 में नॉर्थ एमसीडी को 279 रैंकिंग हासिल हुई थी.

वही दूसरी तरफ नॉर्थ एमसीडी की रैंकिंग तो ठीक हुई है, लेकिन इसके बावजूद उसकी रैंकिंग इतने पीछे है जिसे सुधारने के लिए उसे कड़ी मेहनत करनी होगी. वहीं ईस्ट एमसीडी ने साल 2017 की रैंकिंग से भी खराब प्रदर्शन किया है , जो कि उसके काम करने के तरीके पर गंभीर सवाल खड़े करता है.

गौरतलब है कि साउथ और नॉर्थ एमसीडी ने जहां पिछले साल के मुकाबले अपनी रैंकिंग में सुधार किया है तो वहीं ईस्ट एमसीडी ने पिछले साल मिली 196 रैंकिंग से काफी पीछे 341 रैंकिंग हासिल की है. आपको बताना चाहते है कि ईस्ट एमसीडी ही वो निगम है जहां अक्सर सफाई कर्मचारी हड़ताल पर जाते रहते हैं.

इसी कड़ी में बताना चाहते है प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश शहरी विकास महोत्सव एवं स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह को संबोधित भी किया और कहा कि स्वच्छता एक दिन में नहीं आती. बल्कि जब सारे नागरिक मिलकर चौबीसों घंटे इसे प्राप्त करने के लिये काम करते हैं, तब यह प्राप्त होती है.

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