सर्जिकल स्ट्राइक 2: भारत की इन दो महिलाओं ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर कर दिया मजबूर
भारत की ओर से पाकिस्तान को दिए गए मुंहतोड़ जवाब के पीछे इन दो महिलाओं की अहम भूमिका थी.
पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) में 40 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के बाद भारत ने मंगलवार को एयर स्ट्राइक (Air Strike) करके पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की इस कार्रवाई में लगभग 350 आतंकवादी और उनके प्रशिक्षक मारे गए. भारत की ओर से की गई इस जबरदस्त कार्रवाई के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के अलावा इन दो महिलाओं की अहम भूमिका थी. ये दो महिलाएं मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं. इसमें पहला नाम है विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तो वहीं दूसरा नाम है रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण.
पुलवामा आतंकी हमले से लेकर मंगलवार को पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर किए गए एयर स्ट्राइक के बाद भी मोदी कैबिनेट की इन दो मंत्रियों ने जबरदस्त सक्रियता दिखाई है. पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के बाद सुषमा स्वराज ने अमेरिकी, चीनी, सिंगापुर, बांग्लादेशी और अफगानिस्तानी समकक्षों से बात की और हमलों के बारे में जानकारी दी. इसके अलावा विदेश सचिव विजय गोखले ने अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन समेत सभी अहम देशों के राजदूतों को भी जानकारी दी.
वहीं, सुषमा स्वराज बुधवार को चीन पहुंचीं. यहां उनकी रूस और चीन के विदेश मंत्रियों के साथ एक बैठक हुई. इस दौरान उन्होंने कहा कि जीरो टॉलरेंस नीति के तहत पाकिस्तान में चल रहे आतंक के अड्डों को भारत ने तबाह किया है. इस बैठक में हवाई हमले के अलावा पुलवामा आतंकवादी हमला, पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का मुद्दा प्रमुख रूप से उठने की उम्मीद की गई है. यह भी पढ़ें- सर्जिकल स्ट्राइक 2 के बाद सेना जम्मू-कश्मीर शुरू किया ऑपरेशन ऑल आउट, शोपियां में मुठभेड़- दो आतंकी ढेर
वहीं, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी पुलवामा आतंकी हमले से लेकर अभी तक सक्रिय नजर आ रही हैं. पुलवामा हमले के बाद से पाकिस्तान की ओर से की जा रही बयानबाजी का उन्होंने लगातार जवाब दिया है. इसके अलावा भारत की तरफ से किए गए एयर स्ट्राइक से एक दिन पहले उन्होंने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ 42 देशों में तैनात भारत के ‘रक्षा अताशे’ के साथ अहम बैठक भी की थी. इस दौरान पुलवामा आतंकवादी हमले और देश के समक्ष संपूर्ण सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की गई थी.