सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: मणिपुर के पर्यावरण मंत्री श्यामकुमार को पद से हटाया, विधानसभा में एंट्री की बैन

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए मणिपुर के वन और पर्यावरण मंत्री टी श्यामकुमार को पद से हटा दिया है. साथ ही मणिपुर विधानसभा में श्यामकुमार के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. दरअसल देश की शीर्ष कोर्ट ने यह कदम स्पीकर पर नाराज होकर उठाया.

सुप्रीम कोर्ट (Photo Credit- IANS)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए मणिपुर (Manipur) के वन और पर्यावरण मंत्री टी श्यामकुमार (T Shyamkumar) को पद से हटा दिया है. साथ ही मणिपुर विधानसभा (Manipur Assembly) में श्यामकुमार के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. दरअसल देश की शीर्ष कोर्ट ने यह कदम स्पीकर पर नाराज होकर उठाया.

जस्टिस आरएफ नरीमन की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच ने विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) द्वारा बीजेपी नेता टी श्यामकुमार पर एक्शन नहीं लेने पर नाराजगी जताई. साथ ही संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर मंत्री को तत्काल पद से हटा दिया. अब इस पूरे मामलें की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी. मध्य प्रदेश फ्लोर टेस्ट: बीजेपी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल तक टली सुनवाई

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने फैसले का किया स्वागत-

इससे पहले तीन जजो की बेंच ने मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष से कहा था कि वह बीजेपी के विधायक और मणिपुर के वन मंत्री टी श्यामकुमार को अयोग्य घोषित करने के लिए कांग्रेस नेता की याचिका पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लें. कोर्ट ने संसद से अनुरोध किया th कि उसे सांसदों और विधायकों की अयोग्यता के मामलों पर फैसला करने के अध्यक्ष के अधिकारों पर फिर से विचार करना चाहिये क्योंकि इस पद पर आसीन निर्वाचित प्रतिनिधि भी तो ‘एक राजनीतिक दल विशेष’ का ही सदस्य होता है.

श्यामकुमार कांग्रेस के टिकट पर जीते थे, लेकिन राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि स्पीकर अनिश्चित समय के लिए अयोग्यता याचिका को रोके नहीं रख सकते. कोर्ट ने कहा दलबदल जैसे मामले को लेकर अयोग्य करार देने पर संसद या विधानसभा के चुने हुए सदस्यों को बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

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